प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, अब छह हजार रुपये में करें अपनों के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री

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Big decision of the state government, now register property in the name of loved ones for six thousand rupees
सरकार को 200 करोड़ रुपये सालाना नुकसान होने का अनुमान है।

लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों को बड़ा तोहफा दिया। अब लोग अपनी संपत्ति अपनों के नाम करने के लिए गिफ्ट डीड (दान विलेख) में पांच हजार रुपये के स्टांप पर रजिस्ट्री कर सकेंगे। इसके अलावा एक हजार रुपये प्रोसेसिंग शुल्क भी देना होगा। मंगलवार को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। शुरुआत में इस योजना का लाभ छह महीने के लिए मिलेगा।

सरकार द्वारा गाइड लाइन के अनुसार दान विलेख के दायरे में आने वाले पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे। छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा। छूट के बाद राजस्व व रजिस्ट्री पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा छह माह से आगे बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा।

आपकों बात दें कि यह सुविधा देश के पकई अन्य राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक व मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में पहले से हैं। वहां पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्तियों के दान विलेख पर स्टांप शुल्क में छूट दी जाती है। भारतीय स्टांप अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश सरकार चाहे तो यह छूट दे सकती है। इसी आधार पर योगी सरकार ने यह सुविधा देने का फैसला किया है।

सरकार को दो सौ करोड़ का होगा नुकसान

इस योजना के लागू करने से प्रदेश सरकार के खजाने पर भी प्रभाव पड़ेगा। सरकार को 200 करोड़ रुपये सालाना नुकसान होने का अनुमान है। मौजूदा समय सभी प्रकार की रजिस्ट्री पर सर्किल रेट के आधार पर स्टांप शुल्क लेने की व्यवस्था है। इसके चलते परिवार के सदस्य बहुत जरूरी होने पर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री कराते हैं, जिससे उन्हें स्टांप शुल्क न देना पड़े।

ऐसे में परिवार के स्वामी सदस्यों के पक्ष में वसीयत कर देते हैं। संपत्ति स्वामी की मृत्यु के बाद वसीयत को लेकर कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। इन विवादों में भी इस फैसले से कमी आएगी। राज्य विधि आयोग ने भी इसकी सिफारिश प्रदेश सरकार से की थी।

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