मुंबई। Jemima Rodrigues आठ साल बाद फिर महिला क्रिकेट में आस्ट्रेलिया का विजयी रथ रोककर भारत की बेटियों ने साबित कर दिया, वह अपने संघर्षों से किसी को भी हरा सकती है। इस बार विश्व कप मैं जैसा भारत की बेटियों का उतार—चढ़ाव भरा सफर रहा है, उसे देखकर हर किसी को उम्मीद जगी है,कि इस बार हमारी बेटियां जरूर विश्वकप उठाएंगी। सेमिफाइनल के मुकाबले में आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के साथ जिस तरह से जेमिमा रॉड्रिग्स ने डटकर मुकाबला किया और फाइनल का टिकट कटाया। उससे हर बच्चे के दिल में उनके प्रति सम्मान भर दिया। अब सब यहीं कह रहे है उन्हें न किसी गेंदबाज का डर है, न कोई घबराहट। कभी सबकी ‘बेबी’ कही जाने वाली जेमिमा अब उस मिडल ऑर्डर की रीढ़ हैं, जिसके भरोसे भारत ने विश्व क्रिकेट की अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है।
गुरुवार रात को खेले गए महिला वनडे विश्व कप 2025 के दूसरे सेमीफाइनल में Jemima Rodrigues भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए एक ऐसी पारी खेली गई जिसने न सिर्फ मैच बल्कि हर भारतीय के दिल को छू लिया। इस पारी की नायिका रहीं जेमिमा रॉड्रिग्स। 25 साल की इस मुंबई की बल्लेबाज ने गुरुवार के दिन सिर्फ रन नहीं बनाए, बल्कि आस्ट्रेलिया की बादशाहत को चकनाचूर कर दिया।
17 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रखा कदम
पांच सितंबर 2000 को मुंबई में जन्मीं जेमिमा ने फरवरी 2018 में महज 17 साल की उम्र में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। लेकिन उनका सफर आसान नहीं रहा। उन्हें टीम से बाहर भी किया गया, आलोचना भी झेलनी पड़ी। मगर उसने कभी हार नहीं मानी। वह खुद कहती हैं कि वह टीम में सबसे छोटी थीं, सब उन्हें प्यार से ‘बेबी’ कहते थे।’ लेकिन अब जेमिमा बेबी नहीं रहीं। उनके चेहरे की मुस्कान जितनी मासूम थी, उतनी ही मजबूत थी उनकी सोच। यही वजह है कि जब उन्हें मौके मिले, उन्होंने हर बार खुद को साबित किया। बता दें इससे पहले 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने अपने बल्ले से चमक बिखेरी थी। हालांकि, 2023 महिला टी20 विश्व कप के बाद टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया था। 2024 में एकबार फिर जेमिमा ने वापसी की और अब वह इस टीम का अहम हिस्सा हैं। जेमिमा क्रिकेट में अपने विकास का श्रेय इंग्लैंड में अब बंद हो चुकी किआ सुपर लीग (केएसएल) को देती हैं। यह किसी विदेशी टी20 लीग में उनकी पहली उपस्थिति थी। उस टूर्नामेंट में उनके आंकड़े असाधारण थे। तब जेमिमा ने 57.28 की औसत और 149.62 के स्ट्राइक रेट से 401 रन बनाए थे। इसमें 58 गेंदों पर नाबाद 112 रन शामिल हैं।
2025 महिला वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत मुश्किल स्थिति में था। रन धीरे-धीरे आ रहे थे और हर चेहरा तनाव से भरा था। लेकिन जब जेमिमा क्रीज पर उतरीं, सबकुछ बदल गया। उन्होंने धैर्य और क्लास के साथ एक शानदार 127 रन की नाबाद पारी खेली, जिसने भारत को तीसरी बार महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचा दिया। 2005 और 2017 के बाद भारतीय टीम तीसरी बार फाइनल में पहुंची, जहां दो नवंबर को उसका सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा और महिला क्रिकेट को एक नया विश्व चैंपियन मिलेगा।
विदेश में अकेले रहने से मिली हिम्मत
Jemima Rodrigues के करियर का एक बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने इंग्लैंड की किआ सुपर लीग में खेलना शुरू किया। यह किसी विदेशी टी20 लीग में उनका पहला अनुभव था। वह सिर्फ 18 साल की थीं और पहली बार अकेले विदेश में रह रही थीं। उन्हें खुद अपने कपड़े धोने, खाना बनाने और सफर का खर्च संभालना पड़ता था। जेमिमा बताती हैं, ‘मैं सिर्फ 18 साल की थी जब मैंने अकेले विदेश यात्रा की। मुझे अपने कपड़े धोने से लेकर अपना खाना खुद पकाने, अपार्टमेंट में रहने और खेलों के लिए यात्रा करने तक के पैसे खुद से जुटाने पड़ते थे। तो उस अनुभव ने मुझे बहुत बदल दिया, क्योंकि मुझे कहीं पर भी अकेले रहने की आदत नहीं थी। भारतीय टीम में भी मैं टीम में ‘बेबी’ की तरह थी। मुझे शुरू में बहुत प्यार किया जाता था और देखभाल की जाती थी और मैं सभी को जानती थी। हालांकि, कई बार मैंने बहुत अकेला भी महसूस किया है, लेकिन इसने मुझे एक इंसान के रूप में बहुत बदल दिया और मुझे और अधिक स्वतंत्र बना दिया।’
मिताली से मिलती जुलती है खेलने की शैली
Jemima Rodrigues के खेलने की शैली कुछ हद तक महान बल्लेबाज मिताली राज से मिलती जुलती है। गेंद पर आक्रामण करना उनका नैसर्गिक खेल नहीं है। वह गेंदबाजों का लय बिगाड़ने के लिए क्रीज का उपयोग करती हैं और शॉट टाइमिंग पर काफी विश्वास रखती हैं। स्पिनरों के खिलाफ वह पुल और स्लॉग-स्वीप शॉट भी काफी खेलती हैं। जेमिमा का कहना है, ‘मेरे पिता हमेशा मुझसे कहते हैं कि आपको रन बनाने के लिए शक्तिशाली होने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस दिमाग रखने और अपने तरीके से रन बनाने की जरूरत है और यह मुझे मिली सबसे अच्छी सलाहों में से एक है और मैं उस पर टिके रहने की कोशिश करती हूं।’ यही वजह है कि जेमिमा के आदर्श खिलाड़ी विराट कोहली हैं, जो उनकी तरह टाइमिंग पर काफी ध्यान देते हैं।
जेमिमा ने भारत के लिए अब तक तीन टेस्ट, 58 वनडे और 112 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं। टेस्ट में उनके नाम 58.75 की औसत से 235 रन हैं। इसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, 58 वनडे में उनके नाम 35.20 की औसत से 1725 रन हैं। इसमें तीन शतक और आठ अर्धशतक है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में 127 रन की नाबाद पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी है। टी20 में जेमिमा ने 30.06 की औसत और 116.47 के स्ट्राइक रेट से 2375 रन बनाए हैं। इनमें 13 अर्धशतक शामिल हैं। 76 रन की पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी रही है। इसके अलावा जेमिमा ने वनडे में पांच विकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में एक विकेट भी लिए हैं।
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