देहरादून। देश के पहले गांव में फंसे मजूदरों को निकालने को बचाने के लिए हिमवीर पूरे जी जान से जुटे हुए है। 47 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया, जबकि आठ मजदूरों को निकालने का काम जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से बात की है।भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास हुए भीषण Avalanche में फंसे मजदूरों को निकालने का काम जारी है। श्वेत मरुस्थल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बचाने के लिए मौसम खुलते ही माणा में बचाव अभियान चल रहा है।
एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि मौसम खुलते ही माणा में रेस्क्यू शुरू किया गया। ज्योतिर्मठ से पहला हेलीकॉप्टर कुछ जवानों को लेकर रवाना हुआ। शनिवार सुबह भारतीय सेना ने 14 और लोगों को बचाया है। कुछ को गंभीर चोटें आई हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आठ मजदूरों की तलाश की जा रही है।
सभी मजदूर अभी सुरक्षित
राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बाकी फंसे मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। घटनास्थल से जो सूचनाएं मिल रही है, उनके मुताबिक, बाकी मजदूर एक कंटेनर में हैं, जो पूरी तरह से बर्फ से ढक चुका है। सूचना है कि चमोली के डीएम संदीप तिवारी व एसपी सर्वेश पंवार भी घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। वे जोशीमठ पहुंच चुके हैं, इधर, देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मोर्चा संभाल लिया है। वह घटना लगातार अपडेट ले रहे हैं। एम्स समेत सभी प्रमुख अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। एम्स की हेली एंबुलेंस भी तैयार है। रेस्क्यू अभियान को और ज्यादा प्रभावी बनाने में हवाई अभियान अहम भूमिका निभा सकता है।
बचाव अभियान जारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के संपर्क में है। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री कार्यालय के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू अभियान में किसी भी एजेंसी की आवश्यकता होने पर उनकी मदद ली जाएगी। माणा हेलिपैड को एक्टिवेट करने का निर्देश दिया गया। बारिश, बर्फबारी जारी है कई जगह पर मार्ग अवरुद्ध हो रहा है, इससे बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना है।
सीएम धामी ने बताया कि सभी रेस्क्यू दल आपस में समन्वय के साथ कार्य कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि माणा हेलिपैड को भी एक्टिव किया जा रहा है। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल गोपेश्वर में भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। लगातार राहत बचाव का कार्य जारी है।
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