लखनऊ। शंखों की तीव्र ध्वनियों के साथ मन—मस्तिष्क में साकारात्मक ऊर्जा का संचार करते मंत्रोच्चार के बीच आस्था के उमड़ते सैलाब का साक्षी बना बड़ी भुइयन माता मंदिर। अवसर था यूपी की राजधानी लखनऊ में आईआईएम रोड के सरौरा में स्थित लखनऊ की पहली धर्मध्वजा तले बड़ी भुइयन माता मंदिर परिसर में 12वें नौ कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ के आयोजन का।
दरअसल 108 फीट ऊंची लखनऊ की पहली धर्मध्वजा की ख्याति प्राप्त बड़ी भुइयन माता मंदिर में आज अग्नि स्थापन के बाद यह भव्य धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हो गया है। तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि के सानिध्य व सकुशल आचार्यो व पुरोहितों के नेतृत्व में पूरे विधि विधान के साथ यहां नौ कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभारंभ हुआ। 14 नंवबर को पूर्णाहुति के बाद 15 नवंबर, 2024 को वार्षिक मेले व भव्य भंडारे के साथ यह पांच दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होगा।
भव्य कलश यात्रा में यूं उमड़े श्रद्धालु
वहीं यज्ञ शुभारंभ से पहले यहां माता सेवक तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि के नेतृत्व में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और चन्द्रिका देवी मंदिर में पूजन—अर्चन कर मां गोमती नदी से कलश में जल भर वापस बड़ी भुय्यन माता मंदिर पहुंचे, जिसके बाद अग्नि स्थापना के साथ पांच दिनों तक चलने वाले इस नौ कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का विधि—विधान से शुभांरभ हुआ।
माता सेवक तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि ने बताया कि लोगों में सद्बुद्धि, सद् व्यवहार तथा धर्म का विकास ही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि यहां यह आयोजन बारहवीं बार हो रहा है। उन्होंने इस धार्मिक अनुष्ठान के बारे में बताते हुए कहा कि 10 नंवबर, 2024 को भव्य कलश यात्रा के बाद अग्नि स्थापन के साथ यह धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ होगा। वहीं 14 नवंबर, 2024 को पूर्णाहुति के बाद 15 नवंबर, 2024 को वार्षिक मेले व भव्य भंडारे के साथ यह पांच दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होगा।
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