ग्रेटर नोएडा: फिल्मी पर्दे पर दिखाई जाने वाली रातोरात अमीर बनने की कहानी कई युवाओं को रास्ते से भटकाने का काम कर रही है। युवा पर्दे पर दिखाई जा रही आधी कहानी से ही प्रेरित होकर अपराध के रास्ते में निकल पड़ते है, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि हर अपराधी का आखिरी घर जेल होता है, उसे अपने गुनाहों की सजा इसी जन्म में भुगतनी पड़ेगी। कुछ ऐसी कहानी सामने आई है, ग्रेटर नोएडा से यहां होटल पर कब्जा करने और उधार ली गई रकम न लौटानी पड़े इसलिए आरोपियों ने होटल मालिक के बेटे का अपहरण करके हत्या कर दी। लेकिन हत्या से पहले दरिंदों ने 15 साल के बच्चे के साथ इस तरह की क्रूरता की जिसे सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाए।
एक माह पहले रची साजिश
आरोपियों ने होटल मालिक के बेटे कुणाल शर्मा (15) का अपहरण कर उसकी हत्या की थी। पुलिस ने चार को गिरफ्तार कर गुरुवार को हत्याकांड का खुलासा किया। आरोपियों की पहचान मनोज शर्मा, हिमांशु चौधरी, कुणाल भाटी और एमबीबीएस छात्रा तन्वी के रूप में हुई। तन्वी हिमांशु की गर्लफ्रेंड है।अपर पुलिस आयुक्त बबलू कुमार और डीसीपी ग्रेनो साद मियां खान ने बताया कि इस वारदात के दो मास्टरमाइंड मनोज और हिमांशु हैं। दोनों ने एक महीने पहले साजिश रची। कुल चार लोग घटना में शामिल थे।
पुलिस के सामने गुनाह कबूल किया
पुलिस के अनुसार शिवा रेस्तरां जिसे इस समय कुणाल और उसके पिता कृष्ण शर्मा चला रहे थे वह पूर्व में मनोज का था। मनोज ने 23 लाख रुपये कृष्ण से ब्याज पर लिए थे, जो कि वह नहीं चुका पाया। इसके बदले कृष्ण और कुणाल ने मनोज का रेस्तरां अपने नाम लिखवा लिया था। रेस्तरां का संचालन कृष्ण का बेटा कुणाल शर्मा करता था। मनोज को उम्मीद थी कि कुणाल की हत्या के बाद उसको वापस रेस्तरां पर कब्जा मिल जाएगा।वहीं, हिमांशु ने होटल संचालक कृष्ण से ढाई लाख रुपये ब्याज पर लिए थे, जिसको वह वापस मांग रहा था। इस वजह से वह साजिश में शामिल हुआ। हिमांशु ने रुपयों का लालच देकर दोस्त कुणाल भाटी और महिला मित्र तन्वी को भी इसमें शामिल किया। इसके बाद साजिश के तहत अपहरण और हत्याकांड को अंजाम दिया। होटल संचालक कृष्ण शर्मा हत्यारोपी मनोज के मौसा लगते हैं।
मोबाइल नाले में फेंक दिया
हत्या के बाद सबूत को मिटाने का तरीका आरोपियो ने वेब सीरीज को देखकर सीखा था। इसलिए आरोपियों ने कुणाल के शव को नहर में फेंकने से पहले कपड़े उतार दिए थे। उसके शव को बड़े ट्रॉली बैग में लेकर गए थे। बैग को कार की डिग्गी में रखा था। कुणाल शर्मा का मोबाइल भी नाले में फेंक दिया था और कपड़े को कूड़ा घर में छिपा दिया था। अपहरण के बाद कार में मौजूद मेडिकल की पढ़ाई कर रही तन्वी ने ही कुणाल को नशीला इंजेक्शन लगाया था, इसके बाद आरोपियों ने बेरहमी से उसकी हत्या करके शव को ठिकाने लगाया था।
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