अहमदाबाद। किसी तरह कांग्रेस के दिग्गज छोटे दलों से गठबंधन करके लोकसभा चुनाव में बने रहने की जुगत में जुटे है, वहीं गठबंधन से सीटें कम होने से उस क्षेत्र के कांग्रेसी बगावत पर उतर आए है। कुछ ऐसी ही स्थिति से कांग्रेस को गुजरात में गुजरना पड़ा है। सोनिया गांधी के खास रहे अहमद पटेल के बेटे भरूच सीट आप के खाते में जाने के बाद से नाराज चल रहे है, उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। वहीं हाईकमान उन्हें मनाने के चक्कर में उन्हें मिलने के लिए दिल्ली बुलाया।कुछ ऐसी ही स्थिति यूपी के कई सीटों पर देखने को मिल रही है।
चुनाव लड़ने पर अड़े फैसल
अहमद पटेल के बेटे फैसल ने कहा, ‘मैं यह संसदीय चुनाव लड़ूंगा, चाहे कुछ भी हो।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस-आप गठबंधन के बावजूद चुनाव में शामिल होने का निर्णय परिवार के साथ भावनात्मक संबंध रखने वाले मैदान की रक्षा के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हम लोगों ने निरंतर काम किया है। इसके साथ-सारे पिता निधन के बाद भरूच से जमीनी भावना के कारण यह सीट जीतने योग्य है।अहमद पटेल के बेटे ने काह कि उन्हें पूरे भारत में हर किसी के फोन आ रहे हैं, न केवल पार्टी कार्यकर्ता बल्कि नेता भी एकजुटता दिखा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अगर भरूच जैसा कुछ किसी अन्य पार्टी को दिया जा सकता है, तो उनका, पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके निर्वाचन क्षेत्रों का क्या होगा। मैं अपने पिता के लोगों को निराश नहीं कर सकता। मैं यह चुनाव लड़ूंगा, चाहे कुछ भी हो।
दिल्ली पहुंचे फैसल
सीटों के बंटवारे के समझौते में कांग्रेस ने गुजरात में भरूच और भावनगर को आप के दी है। इसके अलावा दिल्ली की सात सीटों को अरविंद केजरीवाल के पक्ष में 3-4 से विभाजित किया है। हरियाणा में कुरुक्षेत्र भी आप को दिया है। फैसल ने कहा कि वह अपने फैसले को बदलने के लिए नेतृत्व की पैरवी करने के लिए राजधानी आए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा या कोई अन्य पार्टी उनके लिए एक विकल्प है, उन्होंने कहा, नहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस परिवार में पैदा हुआ हूं।’
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