लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव के फैसले से एक और सहयोगी नाराज हो गया। दरअसल राज्यसभा चुनाव में पीडीए को टिकट नहीं मिलने से अपना दल कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल नाराज हो गई। उन्होंने सपा नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सपा को पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोग वोट करते हैं, लेकिन राज्यसभा के उम्मीदवारों में पीडीए के लोग शामिल नहीं हैं। ये पीडीए के साथ धोखा है। मैं इसमें शामिल नहीं हूं। उन्होंने कहा कि वह सपा प्रत्याशी को वोट नहीं करेंगी। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद पल्लवी के नाराज होने और जयंत चौधरी का साथ छोड़ने से सपा को तगड़ा झटका लगा है।
पीडीए को टिकट देने की मांग
पटेल ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग भाजपा के खिलाफ लड़ाई में अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़ा है। उम्मीदवारों में मुस्लिम प्रत्याशी न होना उनके साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा में उनकी राय नहीं ली गई है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट न करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं। पल्लवी पटेल ने जया बच्चन को उम्मीदवार बनाए जाने पर कहा कि क्या पिछड़े समाज की कोई महिला प्रत्याशी नहीं हो सकती थी। उन्होंने प्रत्याशियों पर नाखुशी जाहिर की है।
स्वामी प्रसाद मौर्य भी नाराज
स्वामी प्रसाद मौर्य नहीं चाहते थे कि फर्रुखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य को प्रत्याशी बनाया जाए। डॉ. शाक्य की शादी संघामित्रा से हुई थी, लेकिन बाद में तलाक हो गया था। इसके साथ ही अपनी बेटी के लिए भी बदायूं से टिकट चाह रहे थे,लेकिन वहां से पहले ही सपा प्रमुख ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र के लिए टिकट घोषित कर दिया, इसलिए वह नाराज है। स्वामी प्रसाद धार्मिक आडंबरों पर लगातार हमला बोल रहे हैं और प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा को भी अवैज्ञानिक धारणा बता रहे हैं। ऐसे में सपा नेतृत्व के भगवान शालिग्राम की स्थापना से पहले पूजा-अर्चना का कार्यक्रम भी उन्हें रास नहीं आया है और इसी दिन उन्होंने महासचिव पद से इस्तीफे का एलान कर दिया।
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