बेरूत। इजरायल के लिए सिर दर्द बने पांच मिलियन डॉलर के वैश्विक आंतकी सालेह अल अरौरी को इजरायली सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। सालेह की हत्या दक्षिण बेरूत में हुए एक विस्फोट में की गई। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अरौरी की मौत किसी बम धमाके में हुई है या फिर ड्रोन हमले से। सालेह अल अरौरी हमास की सैन्य शाखा के संस्थापक सदस्यों में से एक था। इजरायल ने पहले ही उसको मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल कर रखा था। लेबनानी मीडिया अल मनार और अल-मायादीन चैनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि यह विस्फोट हमास के कार्यालय को निशाना बनाकर किया गया था। अमेरिका ने उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर रखा था, उस पर पांच मिलियन का इनाम घोषित किया था।
इजरायल में मना जश्न
इजरायल में हमास के टॉप कमांडर सालेह अल अरौरी की मौत का जश्न मनाया जा रहा है। इजरायली सांसद डैनी डैनन ने अल-अरौरी की हत्या के लिए देश की सुरक्षा सेवाओं को बधाई दी। डैनी डैनन पहले संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के दूत के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बेरूत में हमले की सराहना की। उन्होंने लिखा, “जो कोई भी 7 अक्टूबर के नरसंहार में शामिल था, उसे पता होना चाहिए कि हम उन तक पहुंचेंगे और उनके साथ हिसाब-किताब करेंगे।”लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने अल-अरौरी की हत्या पर नाराजगी जताई। उन्होंने इजरायल के नेताओं को भी आग से न खेलने की चेतावनी दी।
15 साल इजरायल की जेल में थासालेह
सालेह अल-अरौरी हमास के राजनीतिक ब्यूरो का उप प्रमुख और फिलिस्तीनी समूह की सशस्त्र शाखा अल कसम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक था। उसका जन्म 1966 में कब्जे वाले वेस्ट बैंक के रामल्लाह में हुआ था। इजरायली जेल में 15 साल बिताने के बाद वह लंबे समय से लेबनान में निर्वासन में रह रहा था। हाल के हफ्तों में उसने गाजा में युद्ध में हमास और उसकी रणनीति के प्रवक्ता के रूप में काम किया। पिछले महीने, उसने अल जजीरा को बताया था कि गाजा पर इजरायली हमले को खत्म करने से पहले हमास कैदियों की अदला-बदली पर चर्चा नहीं करेगा।
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