नई दिल्ली: मिशन 2024 में जुटी सभी पार्टियां जीत के लिए चुनावी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। बीजेपी जहां तीन राज्यों में मिली जीत से उत्साहित होकर पीएम मोदी के चेहरे और बीजेपी के रणनीति के बल पर 350+सीटों का टारगेट रखकर चुनावी मैदान में उतर रही है। वहीं विपक्ष बेरोजगारी समेत कई मुदृदों को हथियार बनाकर मैदान में उतरने जा रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 303 का करिश्माई आंकड़े को प्राप्त किया था। इस बार इन सीटों से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शनिवार को समाप्त हुई चुनावी बैठक में बीजेपी राष्ट्रीय पदाधिकारियों को संबोधित करके रणनीति बनाई।
दो दिन विचार-मंथन किया
गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में अपने समापन भाषण में बूथ प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने और वोट-शेयर बढ़ाने के लक्ष्य के साथ बड़े अंतर से जीत सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। 2019 के आम चुनावों की तुलना में 2024 के लोकसभा चुनावों में 10% से अधिक वोट पाने का लक्ष्य रखा गया। सभी प्रदेश अध्यक्षों, महासचिवों और राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने बीजेपी राष्ट्रीय मुख्यालय में दो दिनों तक विचार-मंथन किया और इस बैठक में लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन सहित चुनावी रणनीति पर विचार हुआ।
वोट प्रतिशत बढ़ाने पर जोर
अमित शाह ने कहा कि सरकार के पिछले 10 वर्षों में अपने वादों को पूरा करने के तरीके से लोग खुश हैं। पार्टी को नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य के नेताओं को बूथ प्रबंधन पर अपना ध्यान जारी रखना चाहिए, जिसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की तैनाती अविलंब होनी चाहिए। शाह ने बूथ प्रबंधन और ‘पन्ना प्रमुख’ के महत्व को भी समझाया। वोट-शेयर में 10% अधिक का सुझाव 50% वोटशेयर का मंत्र उसी कड़ी में है जो हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया था। 2019 में भगवा पार्टी का वोट शेयर 37.4% था।
राममंदिर को बनाएगी चुनावी मुदृदा
शाह ने नेताओं को सुझाव दिया कि पार्टी नेताओं को मोदी सरकार की विकास योजनाओं के साथ मतदाताओं तक पहुंचना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि इस अवधि में पार्टी के चुनावी वादे कैसे पूरे हुए। इस बैठक में अगले महीने 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के उद्धाटन पर प्रमुखता से चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि बीजेपी लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण के अपने चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा में अपने प्रयासों पर एक पुस्तिका जारी कर सकती है।
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