लखनऊ।सपा सरकार में कदृदावर मंत्री रहे, आजम खां द्वारा किए गए सरकारी धन के उपयोग की अब सिलसिलेवार कड़ियां खुल रही है।किस तहर उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नियमों को दरकिनार करके सरकार धन का दुरूपयोग किया। आयकर विभाग ने जब उनके करीबियों के यहां छापे मारे तो यह जानकारी सामने आई।
सपा नेता ने रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय के पीछे स्थित झील के सुंदरीकरण और पिकनिक स्पॉट को विकसित करने के लिए सरकारी विभाग से टेंडर जारी किया था। यह काम पूर्व मंत्री आजम खां के करीबी ठेकेदार को मिला, जिसने सरकारी काम करने के बजाय अधिकांश बजट जौहर विवि के निर्माण कार्य में खर्च कर दिया। नतीजतन सरकारी काम अधूरा पड़ा रहा और जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे रहे।
छह ठेकेदारों ने की गड़बड़ी
जौहर विवि में विधायक एवं सांसद निधि के इस्तेमाल में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिली हैं। निधि के काम कराने वाले छह ठेकेदार आयकर विभाग के निशाने पर आ चुके हैं। इन सभी को पूछताछ के लिए नोटिस देकर तलब किया जाएगा। वहीं, जल निगम, पीडब्ल्यूडी और ग्राम्य विकास विभाग के जिन ठेकेदारों के ठिकानों पर छापा मारा गया है, वहां से मिले दस्तावेजों के आधार पर संबंधित विभागों के अधिकारियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। दरअसल छापों के दौरान जब उनसे निर्माण कार्य अधूरे होने और बैंक खातों से एकमुश्त लाखों रुपये नकद निकालने के बारे में पूछा गया तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
यह अभी जांच के रडार पर
लखनऊ में आजम के पांच करीबी भी आयकर विभाग के रडार पर आ चुके हैं। इनमें गोमतीनगर के विवेक खंड निवासी आर्किटेक्ट अहमद हारुन के अलावा निसार अहमद, समरीन अहमद, इंदिरानगर निवासी सीमा नदीम, डालीबाग निवासी आफाक अहमद शामिल हैं। आफाक अहमद जल निगम में आजम के ओएसडी रह चुके हैं और कई वर्षो से अमेरिका जाकर बस गए हैं। जल निगम भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने उनका आवास दो साल पहले कुर्क भी कर लिया था। अब आयकर विभाग उनकी और परिजनों की बाकी संपत्तियों को तलाश रहा है।
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