राहुल गांधी की फिर बढ़ी मुश्किलें: पालतू डॉगी का नाम नूरी रखने के मामले में परिवाद दायर

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Rahul Gandhi's troubles increase again: Complaint filed in case of naming pet dog Noori
मो. फरहान ने राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दाखिल कर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है।

प्रयागराज। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर अपनी हरकतों की वजह से सुर्खियों में इस बार एक डॉगी के बच्चे को पालतू बनाने के मामले में सुर्खियों में आए है। दरअसल उन्होंने उस पालतू डॉगी का नाम नूरी रख दिया है, जिसे एक धर्म विशेष में पवित्र माना जाता है,इससे इस धर्म के लोग काफी नाराज है। इसी मामले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन(एआईएमआईएम) के प्रदेश प्रवक्ता मो. फरहान ने राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दाखिल कर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। प्रवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इलाहाबाद के समक्ष परिवाद दाखिल कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इलाहाबाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए परिवादी को बयान के लिए आठ नवंबर को तलब किया है। जीटीबी नगर निवासी परिवादी की ओर से अर्जी में कहा गया है कि उन्हें विश्वसनीय सूत्रों एवं विभिन्न अंग्रेजी व हिंदी समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी हुई कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने दिल्ली स्थित 10 जनपद आवास पर एनीमल डे यानी चार अक्तूबर को अपनी मां सोनिया गांधी को एक पप्पी/डॉग चाइल्ड भेंट किया। उस डॉग चाइल्ड का नाम नूरी बताया गया है। राहुल गांधी ने यह जानकारी अपने फेसबुक आईडी और यूट्यूब पर भी पोस्ट की है। परिवादी ने कहा है कि डॉग चाइल्ड का नाम नूरी सुन कर एवं पढ़कर उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। क्योंकि यह शब्द विशेष धर्म से संबंधित है।

कोर्ट में परिवाद दायर

खासतौर पर इस्लाम धर्म में पैगंबर मुहम्मद साहब, हजरत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से संबंधित है। अल्लाह तआला ने कुरआन की सुरह मैदा थी। आयत 15 में ‘कद जाआ कुम मिनाल्लाही नूर व किताबुम मुबीन’ फरमाया गया है।इसका अर्थ है कि आ गया है आपके पास एक नूर। यहां नूर से मुराद हमारे पैगंबर की जात और शख्सियत से है। कुरान पाक में नूर शब्द 42 बार आया है और नूर का पर्यायवाची नूरी है।

इसके अलावा हदीस शरीफ में पैगंबर ने इल्ड का इरशाद फरमाया है कि ‘अव्वलओ मा खल कल्लाहु नूरी” यानी अल्लाह तआला ने सबसे पहले मेरे नूर को पैदा फरमाया। इसका आशय है कि मेरा नूर अल्लाह की पहली मखलूक है। यह नूर हमारे आका अल्लम से पैगंबर हजरत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कुरआन की नूरी बशर भी कहा जाता है। परिवादी ने कहा है कि नूरी शब्द का जिक्र कुराने मजीद सुरह नूर आयत 35 में भी किया गया है।

जानवर का नाम रखने पर आपत्ति

इसके अलावा बुजुर्गों के नाम से संबंधित है। जैसे हजरत अबुल हुसैन अहमद नूरी मियां मरहरवि रहमतुल्लाह अलैह, हुजूर मुफ्ती आजम मुस्तफा रजा नूरी रहमतुल्लाह अलैह के अलावा इसी तरह के अन्य बहुत नाम हैं। साथ ही मुस्लिम बच्चियों के नाम भी नूरी हुआ करते हैं।क्योंकि यह नाम एक समुदाय के साथ जुड़ा हुआ है, जो बहुत ही पाक और पवित्र है। परिवाद में कहा गया है कि राहुल गांधी के इस कृत्य से पैगंबर के साथ बुजुर्गों की तौहीन हुई है। इस्लाम धर्म के उदय के बाद से नूरी नाम किसी जानवर का नहीं रखा गया।

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