अराजकता: पुलिस के सामने वकीलों का उपद्रव, बस में घुसकर यात्रियों से बदसुलूकी, कार सवार युवक को बेटी के सामने पीटा

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Anarchy: Lawyers create disturbance in front of police, enter bus and misbehave with passengers, youth in car beaten in front of daughter
कार में बैठी उनकी बेटी सहम गई। एडीसीपी ने बताया कि कार सवार को किसी तरह से वहां से हटाया गया।

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी में एक बार फिर वकीलों ने तांडव मचाया पुलिस के सामने ही उपद्रव करते रहे है, जिसकों चाहा उसको पीटा, जिससे चाहा उससे बदतमीजी की। पढ़े—लिखे लोगों ने ऐसा उपद्रव मचाया, जिसे सभ्य समाज सोच नहीं सकता। यहां तक कि एक रोडवेज बस में घुसकर चालक को पीट दिया,यात्रियों से अभद्रता की,पुलिस बस खड़ी होकर तमाशा देखती रही। पुलिस अफसर मूकदर्शक बने रहे। वे सिर्फ समझाने में जुटे रहे। सख्ती नहीं करने की वजह से बवाल होता रहा।

बुधवार को वकीलों ने जैसे ही परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन शुरू किया,यातायात थम गया। जिसने भी आगे बढ़ने का प्रयास किया, मारपीट कर वकीलों ने उसे खदेड़ दिया। इसी दौरान एक रोडवेज बस वहां पहुंच गई। बस में अधिकतर महिला यात्री मौजूद थीं। एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि भीड़ बस में घुस गई। बस चालक को पीटने लगे। भीतर बैठे यात्रियों से अभद्रता करने लगे। यात्री चीखने-चिल्लाने लगे। तब पुलिसकर्मी वहां पहुंचे, किसी तरह से उनको बाहर निकाला। वहीं, एक शख्स पत्नी व बेटी के साथ कार से जा रहा था। वकीलों ने उसकी कार रुकवा ली। कार चला रहे शख्स को पीटने लगे। कार में बैठी उनकी बेटी सहम गई। एडीसीपी ने बताया कि कार सवार को किसी तरह से वहां से हटाया गया।

काली कोट के सामने खाकी हुई बेबस

जहां एक तरफ वकील बवाल कर रहे थे, पुलिसकर्मियों और राहगीरों को पीट रहे थे, दूसरी तरफ पुलिस अफसर बेबस होकर केवल बातचीत करने के प्रयास में जुटे रहे। पुलिसकर्मियों से मारपीट को लेकर पुलिस बल में काफी नाराजगी दिखी। उनका कहना था कि इस तरह से अगर पुलिसकर्मी पिटते रहेंगे तो ऐसे बवाल का नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा।प्रदर्शन-बवाल के चलते परिवर्तन चौक, कचहरी के आसपास के इलाके में भयंकर जाम लग गया। लोग कई घंटे तक परेशान रहे। खासकर स्वास्थ्य भवन चौराहे के आसपास का इलाका काफी प्रभावित रहा। पुलिसकर्मी मशक्कत कर किसी तरह से यातायात को सामान्य करने के प्रयास में जुटे रहे।

डीसीपी को नही पता कब पुलिसकर्मी पीटे

डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने मामले में बताया कि वह मौके पर ही मौजूद रहे। उनसे जब इस बारे में पूछा गया कि इंस्पेक्टर मदेयगंज व दरोगा से मारपीट की गई तो उनका कहना था कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। कोई तहरीर भी नहीं मिली है। डीसीपी के बयान पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, सरेराह पूरा बवाल हुआ। पुलिस बल की मौजूदगी रही, लेकिन वह जानकारी से इन्कार करते रहे।इसी साल जनवरी में भी वकीलों व पुलिस के बीच विवाद हुआ था। तब एक महिला सिपाही व अन्य कई पुलिसकर्मियों से मारपीट हुई थी। कई घंटे विवाद चलने के बाद मामले में समझौता हो गया था। कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

किसी तरह बचे पुलिस वाले

लखनऊ में दोपहर करीब एक बजे वकीलों की भीड़ परिवर्तन चौक से हटकर स्वास्थ्य भवन चौराहे के पास पहुंच गई थी। यहां पर भी पुलिसकर्मी तैनात थे। इनमें इंस्पेक्टर मदेयगंज अभय प्रताप भी थे। अभय चौराहे के पास खड़े ही थे कि अचानक से वकीलों की भीड़ उन पर टूट पड़ी। उनको जमकर पीटा। इंस्पेक्टर व उनके साथ मौजूद अन्य दरोगा, सिपाही ने वहां से किसी तरह भागकर खुद को बचाया।

इंस्पेक्टर से मारपीट की खबर मिलने पर एडीसीपी पश्चिम फोर्स के साथ स्वास्थ्य भवन चौराहे पर पहुंचे।कोर्ट के पास से लखीमपुर में तैनात दरोगा अवधेश कुमार बाइक से गुजर रहे थे। उन पर भी वकील टूट पड़े। वह जब तक कुछ समझ पाते तब तक उनको सड़क पर गिरा दिया और जमकर पीटा। वर्दी फाड़ी और स्टार नोच लिए। पुलिस बल मूकदर्शक बना रहा। दरोगा किसी तरह से खुद ही बचकर भागे।

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