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अत्याधुनिक फैसेलिटी में 250 करोड़ रुपए निवेश करने का लक्ष्य
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व्यवसाय ने इसरो के चंद्रयान 3 मिशन के लिए महत्वपूर्ण घटकों की आपूर्ति की
बिजनेस डेस्क। गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस के गोदरेज एयरोस्पेस ने स्वदेशी विनिर्माण, नवाचार और तकनीकी प्रगति पर ध्यान मजबूत किया है। राष्ट्र-निर्माण और आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही गोदरेज एयरोस्पेस एडवांस मैनुफैक्चरिंग, असेंबली और इंटीग्रेशन सुविधाओं के लिए महाराष्ट्र के खालापुर में एक नई फैसेलिटी तैयार करने के लिए 250 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी ने इसरो के चंद्रयान 3 मिशन के लिए भी महत्वपूर्ण घटकों की आपूर्ति की है।
एसएलवी व जीएसएलवी लॉन्च का हिस्सा
इन वर्षों में, कंपनी ने लिक्विड प्रोपल्शन इंजन, सैटेलाइट थ्रस्टर्स और कंट्रोल मॉड्यूल घटकों सहित अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण में अपनी विशेषज्ञता को निखारा है। इन योगदानों ने चंद्रयान और मंगलयान जैसे प्रतिष्ठित मिशनों में अभिन्न भूमिका निभाई है, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में अग्रणी देश के रूप में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। यह एनवीएस-01 सैटेलाइट के हालिया लॉन्च के साथ-साथ इसरो की रणनीतिक और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रत्येक पीएसएलवी और जीएसएलवी लॉन्च का हिस्सा रहे हैं।
डीआरडीओ इंजन मॉड्यूल के साथ
गोदरेज एयरोस्पेस भारत के भीतर और निर्यात के माध्यम से नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए विनिर्माण के विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है। रोल्स-रॉयस, बोइंग और जीई जैसी वैश्विक बड़ी कंपनियों के साथ सहयोग करते हुए, कंपनी महत्वपूर्ण घटकों के विकास और विनिर्माण में शामिल है। ये प्रयास न केवल नागरिक उड्डयन के लिए विनिर्माण में भारत की क्षमताओं को मजबूत करते हैं, बल्कि देश की निर्यात क्षमता में भी योगदान करते हुए कंपनी को एयरोस्पेस उद्योग में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करते हैं। डीआरडीओ इंजन मॉड्यूल के साथ, गोदरेज एयरोस्पेस भारत में पहली बार इस श्रेणी के इंजन के कोर मॉड्यूल निर्माण करने वाली भारत की पहली निजी कंपनी है ।
आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता
गोदरेज एयरोस्पेस के एवीपी और बिजनेस हेड मानेक बेहरामकामदीन ने कहा, ‘हम इसरो के चंद्रयान 3 मिशन में अपने योगदान पर बहुत गर्व महसूस करते हैं, जो राष्ट्र-निर्माण और का उदाहरण है। गोदरेज एयरोस्पेस में, हम स्वदेशी विनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं और कंपनी तकनीकी प्रगति, अंतरिक्ष परियोजनाओं और नागरिक उड्डयन में देश की प्रगति को आगे बढ़ाने में योगदान दे रही है। इसरो के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में, हम भविष्य के लॉन्च, मिशन और उन्नत एयरोस्पेस घटकों और प्रणालियों के विकास में योगदान देना जारी रखेंगे। नागरिक उड्डयन में हम अमेरिका सहित वैश्विक बाजारों में नवाचार और निर्यात पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अगले तीन वर्षों में 100% वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’
स्वदेशी क्षमताओं का लाभ
स्वदेशी क्षमताओं का लाभ उठाकर और आयात पर निर्भरता कम करके कंपनी आत्मनिर्भरता में योगदान दे रही है और देश के भीतर तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दे रही है। ये प्रयास आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं, निवेश को आकर्षित करते हैं और उच्च-कुशल रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, इस प्रकार आत्मनिर्भर भारत के व्यापक लक्ष्य का समर्थन करते हैं।
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