1 जुलाई 2023, कानपुर। AIUTUC उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव वालेन्द्र कटियार व प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियां एवं सहायिकाएं लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। राज्य सरकार बार-बार वादे करने के बाद भी उनकी दुर्दशा को दूर करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। दयनीय हालात में काम कर रहीं आंगनवाड़ी कर्मियों पर दिन- प्रतिदिन नए-नए काम करने का दबाव डाला जाता है। 62 वर्ष की उम्र तक काम लेने के बाद आंगनबाड़ी कर्मियों को बिना पेंशन एवं बिना किसी तरह की आर्थिक मदद दिए सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। जब आंगनबाड़ी कर्मचारी सरकार की इन ज्यादतियों का विरोध करतीं हैं या आंदोलन करतीं हैं तो सरकार द्वारा उनके खिलाफ दमनात्मक कार्यवाही की जाती है।
AIUTUC के राज्य सचिव वालेन्द्र कटियार ने मैनपुरी पुलिस प्रशासन के तानाशाही पूर्ण कार्यों की निंदा करते हुए बताया कि एआईयूटीयूसी से संबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश की उपाध्यक्षा एवं मैनपुरी जिला अध्यक्षा श्रीमती सरिता शाक्य के खिलाफ फर्जी शिकायत के आधार पर एफ.आई.आर दर्ज करना सरकार एवं प्रशासन द्वारा तानाशाही पूर्ण तरीके से किया गया कार्य है। उन्होंने बताया कि उक्त बेबुनियाद व झूठा मुकदमा पंजीकृत करने के अतिरिक्त पुलिस द्वारा श्रीमती सरिता शाक्य को धारा 151 दं. प्र. सं. में चालान कर जेल भेजना पूर्णतया अन्यायपूर्ण व तानाशाहीपूर्ण है।
श्रीमती आशा चौहान आंगनवाड़ी कार्यकर्ती अध्यक्ष वेबर व श्रीमती निर्लेश कुमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ती उपाध्यक्ष मैनपुरी महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ (गिरीश पांडेय) के शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया कि श्रीमती सरिता शाक्य आंगनवाड़ी नेत्री ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के विरुद्ध सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश का अपमान किया है। उक्त शिकायत पत्र के आधार पर दिनांक 28.06.2023 को रात 9:00 बजे बेवर थाने में मुकदमा संख्या 0332/2023 अं. धा. 505 आईपीसी व 67 आईटी एक्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी मैनपुरी द्वारा दर्ज कराया गया है।
AIUTUC के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने उक्त शिकायत पत्र के आधार मुकदमे को दुर्भावना से प्रेरित बताया तथा उन्होंने सरिता शाक्य की गिरफ्तारी को निंदनीय करार देते हुए मांग किया कि आंगनवाड़ी कर्मियों की सभी मांगों को मानते हुए श्रीमती सरिता शाक्य के खिलाफ दुर्भावनावश दर्ज कराये गए मुकदमे को वापस लेकर उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।