लखनऊ। भीषण गर्मी व लू ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है। इस बीच राजधानी के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ी है। उन्हें पेटदर्द उल्टी व दस्त की शिकायत है। वहीं एक-दो दिन भर्ती रहने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है। राहत की खबर यह है कि अभी तक गर्मी से किसी मरीज के मौत नहीं हुई है। अस्पताल प्रभारियों के मुताबिक हीट स्ट्रोक से ग्रस्त काफी मरीज इमरजेंसी में भर्ती हो रहे हैं।
रोजाना भर्ती हो रहे आठ से दस मरीज
सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में रोजाना हीट स्ट्रोक के आठ से दस मरीज भर्ती हो रहे है। वहीं सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह के मुताबिक इमरजेंसी की एक शिफ्ट में तीन से चार मरीज भर्ती हो रहे हैं। बताया गया कि भीषण गर्मी से बेहाल मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ। अधिकतर मरीज पेटदर्द व उल्टी दस्त की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।
अस्पतालों की इमरजेंसी में दिखने लगा हीट स्ट्रोक का असर
वहीं लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर के मुताबिक हीट स्ट्रोक के तीन से चार मरीज रोज भर्ती हो रहे हैं। एक दो दिन इलाज के बाद उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। बताया गया कि अभी तक हीट स्ट्रोक की वजह से किसी भी मरीज की जान नहीं गई। वहीं बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ.रमेश गोयल के अनुसार हीट स्ट्रोक का असर इमरजेंसी में दिखने लगा है। इससे पीड़ित कई मरीज इमरजेंसी में भर्ती हो रहे हैं।
मरीजों को गर्मी से बचाने को इंतजाम करने के दिए गए निर्देश
वहीं शहर के सभी सरकारी अस्पताल,सीएचसी व पीएचसी को अलर्ट किया गया है। शासन ने अस्पतालों में आने वाले मरीजों को गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक सभी सीएचसी,पीएचसी पर जरूरी दवाएं मुहैया कराई गई हैं।
अभी भी लापरवाही पर नहीं लगी लगाम
वहीं दूसरी तरफ अफसर मरीजों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए बड़े-बड़े दावे तो कर रहे हैं, लेकिन भर्ती होने वाले मरीजों के लिए खास इंतजाम अभी तक नाकाफी नजर आ रहे हैं। इसकी बानगी राजधानी के ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय की इमरजेंसी में देखने को मिली, जो टिनशेड के नीचे है। अभी तक यहां एसी नहीं लगाए गए। ऐसे में अन्य जगह मरीजों का हाल बखूबी समझा जा सकता है।
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