शिंगल्स को लेकर जागरूकता और बचाव के लिए GSK ने अमिताभ बच्चन से मिलाया हाथ

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GSK joins hands with Amitabh Bachchan to raise awareness and prevention of Shingles
इस कैंपेन फिल्म में यह महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है कि टीकाकरण के माध्यम से बुजुर्गों को इस दर्दनाक बीमारी से बचाया जा सकता है।
  • GSK की नई कैंपेन फिल्म में इस दर्दनाक बीमारी तथा 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में इससे होने वाले खतरे और बचाव की संभावनाओं के बारे में बताया गया है।

बिजनेस डेस्क। GSK ने शिंगल्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ हाथ​ मिलाया है। शिंगल्स एक दर्दनाक बीमारी है, जिससे 50 साल से अधिक उम्र का हर तीसरा वयस्क पीड़ित है।कैंपेन फिल्म में शिंगल्स के कारण होने वाले बेतहाशा दर्द और जीवन पर इसके कारण पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया है। इस कैंपेन फिल्म में यह महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है कि टीकाकरण के माध्यम से बुजुर्गों को इस दर्दनाक बीमारी से बचाया जा सकता है।

‘शिंगल्स बहुत दर्दनाक बीमारी

इस साझेदारी के बारे में अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘शिंगल्स बहुत दर्दनाक बीमारी है और इसके कारण वरिष्ठ नागरिकों का जीवन ठहर सा जाता है। शिंगल्स से बचाव के लिए वरिष्ठ नागरिकों को समय रहते अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, जो उन्हें बचाव का संभावित तरीका बता सकते हैं।शिंगल्स उसी वायरस के कारण होता है, जिससे चिकनपॉक्स होता है। चिकनपॉक्स ठीक होने के बाद भी यह वायरस शरीर में निष्क्रिय रूप से पड़ा रहता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ने के साथ शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने लगती है, यह वायरस फिर सक्रिय होता है और शिंगल्स का कारण बनता है। 50 साल से ज्यादा उम्र के 90 प्रतिशत से ज्यादा भारतीयों के शरीर में यह वायरस है और उनमें शिंगल्स होने का खतरा है।

Mr. Bachchan talks about Shingles – a very painful disease | MyVaccinationHub | Hindi | 45s – YouTube

टीकाकरण कार्यक्रमों को बढ़ावा

GSKकी मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रश्मि हेगड़े ने कहा, ‘अमिताभ बच्चने पहले भी कई बीमारियों के प्रति जागरूकता लाने और टीकाकरण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के अभियानों का चेहरा रह चुके हैं और उनके समर्थन से लोगों को उन बीमारियों से बचाव के जरूरी कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिली है। वर्तमान समय में भारत में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है और हमें उन्हें शिंगल्स जैसी बीमारी के प्रति जागरूक करना होगा, क्योंकि यह बीमारी उनके जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। हमें विश्वास है कि इस कैंपेन से ज्यादा से ज्यादा लोग स्वयं को और अपने प्रियजनों को शिंगल्स से बचाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।’

इस कैंपेन फिल्म की अवधारणा लोव लिंटास ने तैयार की है। इसके क्रिएटिव का फोकस तस्वीरों और प्रतीकों के माध्यम से उस दर्द की गहराई को दर्शाना है, जिसका सामना शिंगल्स के कारण करना पड़ता है। इसमें दर्द को मरीजों से हुई बातचीत के आधार पर तैयार वैज्ञानिक दस्तावेज के माध्यम से दर्शाया गया है।

शिंगल्स बहुत दर्दनाक हो सकता है

इस फिल्म के रचनात्मक पहलू को लेकर लोव लिंटास के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर (ग्लोबल ब्रांड्स) सागर कपूर ने कहा, ‘हमारी चुनौती थी एक ऐसा तरीका खोजने की, जिससे हम शिंगल्स के कारण होने वाले असहनीय दर्द को दर्शा सकें, जिसे बस महसूस किया जा सकता है। इसीलिए हमने इसमें शरीर में चुभते कांटे और इलेक्ट्रिक शॉक जैसे प्रतीक दिखाए हैं। हम लोगों को डराना नहीं चाहते हैं, बल्कि उन्हें जागरूक करना चाहते हैं कि शिंगल्स बहुत दर्दनाक हो सकता है और इससे बचाव भी संभव है।’

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