नई दिल्ली। आम आदमी की समस्या को खत्म करने के लिए राजनीति में उतरे आम आदमी पार्टी यानि आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बहुत जल्द ही अमीरों वाले शौक लग गए। अपनी आम जिंदगी को खास बनाने के लिए सरकारी पैसे को पानी की तरह बहाकर अपने लिए शीशमहल बनवाया। इसकी रिपोर्ट आने के बाद हर कोई हैरान है कैसे एक नेता को इतने जल्दी इतनी लग्जरी लाइफ का शौक लग गया।
दिल्ली के उपराज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में 45 नहीं लगभग 53 करोड़ रुपये खर्च हुए। उपराज्यपाल को यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार के विजिलेंस डायरेक्टोरेट ने भेजी है। न्यूज एजेंसी PTI ने रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि केजरीवाल के घर पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, वहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके कैंप ऑफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था।
PWD मिनिस्टर ने रखा था बदलाव का प्रस्ताव
उपराज्यपाल को सौंपी रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में तत्कालीन PWD मिनिस्टर ने केजरीवाल के बंगले (6, फ्लैग स्टाफ रोड) में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि बंगले में एक ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और 24 लोगों की क्षमता वाला एक डाइनिंग रूम बनना चाहिए। इसके लिए बंगले की दूसरी मंजिल बनाने का प्रस्ताव था।
दिल्ली सरकार के पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (PWD) ने कहा था कि बंगले को तोड़कर उसी परिसर में नया बंगला बनाया जाना चाहिए। PWD ने कहा कि बंगला 1942-43 के दौरान बना था। इसे बने 80 साल हो गए हैं इसलिए इसके ऊपर नई मंजिल बनाना सही नहीं होगा। बता दे कि अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में प्रवेश से पहले सादा जीवन बिताकर राजनीतिक करने का प्रण लिया था, लेकिन उन्हें बहुत जल्दी नेताओं वाले शौक लग गए। उन्होंने उस समय सरकारी धन का दुरूपयोग किया जब आम आदमी कोरोना से मर रहा था और दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री के लिए शीशमहल बनाने में व्यस्त थी।
भाजपा ने लगाया था गड़बड़ी का आरोप
भाजपा ने सीएम आवास के रिनोवेशन में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। इसके बाद उपराज्यपाल ने अप्रैल में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को आदेश दिया था कि मामले से संबंधित फाइलों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें एक फैक्चुअल रिपोर्ट सबमिट की जाए। आप ने कहा है कि पिछले 9 साल से भाजपा केजरीवाल की इमेज बिगाड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए। इसलिए, अब वे उनके घर को टारगेट कर रहे हैं।रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे साबित हो कि कुछ गलत हुआ है। दिल्ली में पहली बार मुख्यमंत्री के लिए ऑफिशियल रैजिडेंस कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री आवास, कार्यालय सचिवालय, ऑडिटोरियम और स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं।
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