दिल्ली नहीं रही दिलवालों की: बेटे के साथ मिलकर महिला ने पति को उतारा मौत के घाट, शव के 10 टुकड़े कर लगाए ठिकाने

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Delhi is no more of the heart-wrenching: woman along with her son killed her husband, cut the dead body into 10 pieces and buried it
उसके 10 टुकड़े किए, उन्हें फ्रिज में रखा और कई दिन तक आसपास के इलाकों में उन्हें फेंकती रही।

नई दिल्ली। एक कहावत देश की राजधानी दिल्ली के ​प्रचलित थाी कि दिल्ली दिलवालों की है, लेकिन पिछले कुछ से दिल दहलाने हो रहे खुलासे से स्पष्ट होता है कि दिल्ली वासियों के लिए मानवीय मूल्यों का कोई वैल्यू नहीं बचा हैं। अपने स्वार्थ और अहम के लिए किसी की भी जघन्य तरीके से हत्या कर रहे है, यहां तक कि कानून से बचने के लिए वह तरीका अपना रहे जिसे सुनकर किसी का ​कलेजा कांप जाए।

श्रद्धा मर्डर केस के बाद कई ऐसे में मामले सामने आए है जिसमें अपराधी पुलिस से बचने के लिए शव को टुकड़ों—टुकड़ों में बांटकर फेंक रहे हैं। शायद वह भूल गए है कि कानून के हाथ से आज तक कोई नहीं बचा हैं। ताजा मामला दिल्ली के ​ही पांडव नगर में हुई हत्या के खुलासा सामने आया है। यहां भी श्रद्धा मर्डर केस जैसी वारदता सामने आई है। एक महिला ने बेटे के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। उसके 10 टुकड़े किए, उन्हें फ्रिज में रखा और कई दिन तक आसपास के इलाकों में उन्हें फेंकती रही।

सोमवार को ही दो सीसीटीवी फुटेज सामने आए। इसमें बेटा बैग में टुकड़े ले जाता दिखाई दे रहा है और मां भी पीछे दिख रही है। पुलिस ने कुछ फोटोज भी जारी किए हैं, जो मृतक के बॉडी पार्ट्स के हैं। पुलिस ने 6 टुकड़े बरामद किए हैं। इनमें सिर भी है।दिल्ली पुलिस ने सोमवार दोपहर इस मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बताया कि जिसकी हत्या की गई उसका नाम अंजन दास है, जो त्रिलोकपुरी में रहता था। हत्या की आरोपी महिला का नाम पूनम है, वह अंजन की दूसरी पत्नी है। बेटे का नाम दीपक है, जो अंजन का सौतेला बेटा है। मां और बेटे को अरेस्ट कर लिया गया है।

यह लगाया आरोप

पुलिस की गिरफ्त में पूनम और दीपक से जब मीडिया ने पूछा कि उन्होंने कत्ल क्यों किया, तो उन्होंने जवाब दिया कि वह बहू-बेटियों पर बुरी नजर रखता था।पुलिस द्वारा जारी एक वीडियो जून महीने का है। इसमें दोनों आरोपी मैदान के अंदर आते-जाते दिखाई दे रहे हैं। दरअसल 5 जून को दिल्ली पुलिस पांडव नगर में पेट्रोलिंग कर रही थी। इस दौरान झाड़ियों से बदबू आने पर पेट्रोलिंग टीम ने थाने में जानकारी दी। आसपास सर्च करने पर टीम को एक बैग में इंसानी शव के टुकड़े मिले। शव के टुकड़े बुरी तरह सड़ चुके थे और इस वजह से इनकी पहचान मुश्किल हो गई थी। जांच अधिकारी ने आसपास के थानों में जाकर पता किया तो कोई गुमशुदा नहीं था। UP और आसपास के राज्यों में भी पुलिस थानों में रिकॉर्ड की पड़ताल की गई।

ऐसे पहुंची पुलिस हत्यारोपियों तक

इस दौरान अंजन दास के 5-6 महीने से लापता होने की खबर पुलिस को मिली। पता चला कि वह त्रिलोकपुरी में पूनम और दीपक के साथ रहता था। इन दोनों ने अंजन के गायब होने की रिपोर्ट भी कहीं नहीं की थी।पूनम और दीपक से पूछताछ करने पर दोनों ने हत्या की पूरी कहानी और वजह बताई। पूनम को शक था कि बेटे दीपक की पत्नी और उसकी एक तलाकशुदा बेटी पर भी अंजन बुरी नजर रखता है। यह बेटी पूनम के साथ रह रही थी।पूनम ने बताया कि उसकी बिहार में सुखदेव तिवारी से बेहद कम उम्र में शादी हुई थी। वह दिल्ली आ गया और उसकी तलाश में पूनम भी आ गई। पर सुखदेव नहीं मिला, उसके बाद वह कल्लू नाम के व्यक्ति के साथ रहने लगी। कल्लू से उसके 3 बच्चे हुए। लिवर फेल होने के कारण कल्लू की मौत हो गई।

शराब में नींद की गोलियां मिलाईं

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूनम लिफ्ट ऑपरेटर अंजन के साथ रहने लगी। बुरी नीयत का शक होने पर पूनम और दीपक ने मार्च-अप्रैल में हत्या की साजिश रची। 30 मई को दोनों ने अंजन को शराब पिलाई। जिसमें नींद की गोलियां मिली थीं। बेहोश होने के बाद अंजन के गले और शरीर के कई हिस्सों पर चाकू से वारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद पूरी रात इन दोनों ने शव को वहीं छोड़ दिया।

अगले दिन घर से खून साफ किया। फिर लाश के 10 टुकड़े किए। इन्हें फ्रिज में रखा। पूनम और दीपक रोज रात को ये टुकड़े बैग में भरकर पांडव नगर और आसपास के इलाकों में फेंकने जाते थे। 8-10 दिन तक ये सिलसिला चला। हत्या के बाद जब टुकड़े फ्रिज में रखे गए थे, तब घर में पेंट करवाया ताकि बदबू को दबाया जा सके। अंजन के सिर को गड्ढा बनाकर गाड़ दिया। पुलिस ने बताया कि अंजन के घरवाले बिहार में रहते हैं। अंजन का DNA टेस्ट करवाने के लिए भी पुलिस टीम वहां भेजी जाएगी।

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