मुंबई,बिजनेस डेस्क। लार्सन एंड टुब्रो के हैवी सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस को मध्य प्रदेश में ऑफ स्ट्रीम पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट के लिए दुनिया की अग्रणी अक्षय ऊर्जा कंपनियों में से एक प्रतिष्ठित ग्रीनको ग्रुप से ऑर्डर मिला है।
इस प्रोजेक्ट के सिविल और हाइड्रोमैकेनिकल कार्यों को लार्सन एंड टुब्रो के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम के माध्यम से 30 महीने की कड़ी समय सीमा के तहत पूरा किया जाएगा। पूरा होने पर, यह परियोजना भारत में अपनी तरह की सबसे बड़ी स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में से एक होगी।
स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र बनाने का लक्ष्य
इस पंप्ड स्टोरेज सिस्टम ऑर्डर को हासिल करना देश को स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र और कार्बन न्यूट्रल होने के लक्ष्य की ओर एक कदम आगे बढ़ाता है और इस दिशा में लार्सन एंड टुब्रो की प्रतिबद्धता को और मजबूती से दोहराता है।प्रोजेक्ट के बारे में – 10,080 MWHr की पंप स्टोरेज क्षमता को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई गांधीसागर पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट (पीएसपी) के तहत खेमला ब्लॉक गाँव (नीमच, मध्य प्रदेश से लगभग 75 किलोमीटर) के पास एक ऊपरी जलाशय के निर्माण की योजना बनाई गई है, जबकि मौजूदा गांधीसागर निचला जलाशय होगा। इस परियोजना में एक ऊपरी बांध (ऊपरी जलाशय बनाने के लिए), एप्रोच चैनल के साथ इंटेक स्ट्रक्चर, स्टील लाइन्ड बरीड पेनस्टॉक/प्रेशर शाफ्ट (वर्टिकल और हॉरिजेंटल), सरफेस पावरहाउस, ड्राफ्ट ट्यूब टनल, टेलरेस आउटलेट स्ट्रक्चर, टेलरेस चैनल आदि का निर्माण शामिल है।
जलाशयों की प्रणाली का उपयोग
वर्तमान दौर में दो परस्पर जुड़े जलाशयों की प्रणाली का उपयोग करके ऊर्जा का भंडारण करने वाले पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज प्लांट्स का इनहेरिएंट वेरिएबिलिटी को बढ़ाने के लिहाज से अत्यधिक महत्व है। अधिशेष ऊर्जा के समय में ऊपरी जलाशय में पानी पंप किया जाता है और अतिरिक्त मांग के समय, ऊपरी जलाशय से पानी छोड़ा जाता है, जिससे 80 फीसदी या उससे अधिक की समग्र चक्र दक्षता के साथ बिजली पैदा होती है।
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