वाराणसी। एक तरफ सरकार 2027 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए दिन रात काम कर रही है, दूसरी तरफ देश में कटटरपंथी संगठन पीएफआई देश में 2047 तक शरियत कानून लागू करवा कर गजवा ए हिंद बनाने के लिए खडयंत्र रच रहा है। जिस इस्लामी कानून को दिग्गज इस्लामी देश नहीं स्वीकार करना चाहते है, उसे वह भारत में लागू करके शासन करने की चाहत रखते है।
इन दिनोंएटीएस और एनआईए की देशभर में छापेमारी चल रही है। वाराणसी में भी एटीएस ने पीएफआई के दो संदिग्ध कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। काशी में गिरफ्तार मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद के मोबाइल और लैपटॉप खंगालने यह चैंकाने वाले तथ्य सामने आए है।पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई मिशन 2047 पर काम कर रहा है। इस मिशन का लक्ष्य 2047 तक भारत में शरीयत कानून लागू करके गजवा.ए.हिंद स्थापित करना है। बनारस में शनिवार को गिरफ्तार किए गए दो युवकों के पास इस मिशन से जुड़े साहित्य बरामद हुए हैं।
दस्तावेजों से हुआ खुलासा
सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी बताते हैं कि काशी में गिरफ्तार मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद के मोबाइल और लैपटॉप खंगालने पर कई चौंकाने वाले साक्ष्य मिले हैं। ये काशी और केरल के बीच पीएफआई के मजबूत कनेक्शन को दर्शाते हैं। काशी-केरल के बीच सेतु बने लखनऊ और नई दिल्ली के पीएफआई सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर और उनके संग हुई बैठकों के फोटो, वीडियो भी एटीएस के हाथ लगे हैं।
एटीएस जड़े खोदने में जुटी
इस खुलासे के बाद एटीएस इस संगठन के जड़ तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है। रिजवान और मोहम्मद शाहिद एक तरह से पीएफआई के नए सदस्यों के लिए फिजिकल ट्रेनर हैं। इस खुलासे के बाद पूर्वांचल के बनारस और आजमगढ़ में तेजी से फैलती पीएफआई की जड़ें उखाड़ने के लिए यूपी एटीएस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
पूरे पूर्वांचल में फैली जड़ें
सुरक्षा अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पीएफआई की जड़ें पूरे पूर्वांचल में फैली हुई है। बनारस में हुई गिरफ्तारी के बाद इस संगठन के कुछ सदस्यों को आजमगढ़ में भी चिह्नित किया गया है। दोनों के मोबाइल और बरामद अन्य दस्तावेज से ही कई और सदस्यों के बारे में जानकारी मिली। ये सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और खास समुदाय के लोगों को अपनी बातों से लगातार टारगेट करते हैं। वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर,गाजीपुर, मऊ में पीएफआई के सक्रिय सदस्य हैं।
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