राम सागर मिश्र संयुक्त चिकित्सालय, लखनऊ में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन

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राम सागर मिश्र संयुक्त चिकित्सालय, लखनऊ में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कलेक्ट्रेट, लखनऊ पर प्रदर्शन करती महिलाएं

8 अगस्त 2022, लखनऊ। सीतापुर रोड ,बीकेटी स्थित राम सागर मिश्र संयुक्त चिकित्सालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ और रनियांमऊ दलित हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर आज अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसियेशन (ऐपवा) और इंकलाबी नौजवान सभा ने परिवर्तन चौक से स्वास्थ्य भवन तक विरोध प्रर्दशन करके मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सम्बोधित दो ज्ञापन थाना कैसरबाग के अतिरिक्त इंस्पेक्टर श्री सुधाकर सिंह को सौंपे।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज 1.00बजे ऐपवा की जिला सहसंयोजिका का0कमला गौतम और इनौस नेता का0नीरज के नेतृत्व में भारी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने परिवर्तन चौक पर जमा होकर भ्रष्टाचार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए स्वास्थ्य भवन की ओर मार्च शुरू कर दिया। जुलूस के आगे-आगे बड़ी संख्या में पुलिस बल भी था। प्रर्दशनकारी नारे लगा रहे थे” सौ सैय्या अस्पताल में भ्रष्टाचार की जांच कराओ और भ्रष्टाचार में लिप्त कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक को बर्खास्त करो!” “सौ सैय्या अस्पताल में बेहतर इलाज की व्यवस्था करो”अस्पताल को नर्क बना देने वाले डाॅक्टर सुमित कुमार महराज समेत सभी को दण्डित करो!” रनियां मऊ के दलित नौजवान शिवम् की हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच कराओ!” जुलूस जैसे ही स्वाथ्य भवन चौराहा पर पहुंचा तो पुलिस ने नेताओं से ज्ञापन देने की मांग की। ऐपवा नेत्री का कमला गौतम ने दोनों ज्ञापन को आन्दोलनकारियों के बीच पढ़ कर सुनाने के बाद दोनों ज्ञापन पुलिस अधिकारियों को सौंप दिए।
इसके पूर्व का कमला गौतम ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि उक्त अस्पताल बीकेटी क्षेत्र की जनता के लिए वरदान था। अस्पताल की भारी भरकम बिल्डिंग, उपलब्ध उपचार सामग्री क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रर्याप्त था लेकिन विगत 6-7 वर्ष से तैनात डाॅक्टर सुमित कुमार महराज और प्रत्यूष पाण्डेय जो (एक्स -रे टैक्नीशियन) व उनकी मण्डली ने अस्पताल को नर्क बना दिया है।उनका गुण्डों जैसा व्यवहार और भ्रष्टाचार में लिप्त कारनामों से न सिर्फ अस्पताल के डाक्टर व कर्मचारी भारी संकट महसूस कर रहे हैं बल्कि मरीज भी उनके उत्पीड़न और लूट के शिकार हो रहे हैं ।प्रत्यूष पाण्डेय के पिता अभय पाण्डेय और ताऊ दयाशंकर पाण्डेय स्वास्थ्य भवन में प्रभावशाली पदों पर तैनात रहे हैं, जिनके प्रभाव के चलते जो भी सिकायतें डाॅक्टर सुमित कुमार महराज व उनकी मण्डली के भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही हैं उन्हें रद्दी की टोकरी में डाल दिया जा रहा है जिसके चलते उनके खिलाफ कोई भी जांच इत्यादि नहीं हो पा रही है। डाक्टर सुमित कुमार महराज से कई सीनियर डाक्टरों के होते हुए भी उन्हें कार्यकारी चिकित्सा अधीक्षक के पद पर बैठा दिया गया है। उक्त लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि महिला चिकित्सकों, नर्सों,व अन्य महिला कर्मचारियों के साथ गाली गलौज करना तथा मरीजों की भर्ती करने में मनमानापन चल रहा है। मरीजों को अपने चहेते अस्पतालों में रिफर करना, सरकारी रोक के बावजूद बाहर की दबाएं लिखना, अल्ट्रासाउण्ड में इतनी लम्बी डेट देना कि मरीज अपने आप ही भाग जाए। डाक्टर सुमित कुमार महराज ने कोविड काल में डाक्टरों और स्टाफ को अस्पताल में रुकने के लिए जो भी फण्ड आया सारा हज़म कर लिया गया और डाक्टरों व स्टाफ को घर से ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया। इतना ही नहीं कोविड काल में तीन माह के वेतन में 25% प्रोत्साहन राशि के भुगतान में भी भारी घोटाला किया गया। अस्पताल में लगाये गये आक्सीजन प्लांट में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। इनके अत्याचार के कारण सभी डाक्टर उक्त अस्पताल से अपने को मुक्त करना चाहते हैं। जिसके कारण अस्पताल में डाक्टरों की कमी हो गई है। अस्पताल प्रशासन के खिलाफ क्षेत्र की जनता के अन्दर जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।
इस अवसर पर उन्होंने रानियां मऊ की घटना में पुलिस की भूमिका की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि योगी राज में दलितों के ऊपर चौतरफा दमन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि ऐपवा हर ज़ुल्म और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने और असल अभियुक्तों को जेल भेजने की मांग की।
ज्ञापन में मांग की गई कि-अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए और भ्रष्टाचार में लिप्त कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डाॅक्टर सुमित कुमार महराज, एक्र्स -रे टैक्नीशियन प्रत्यूष पाण्डेय समेत सभी दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।,-करीब छै: वर्ष से जमे और अस्पताल को नर्क बना देने वाले डाॅक्टर सुमित कुमार महराज, टैक्नीशियन प्रत्यूष पाण्डेय को तुरन्त वहां से हटाया जाए।,अस्पताल में डाक्टरों और कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए और अधिक डाक्टरों व कर्मचारी स्टाफ की नियुक्ति की जाए।,क्षेत्र की जनता के बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में और अधिक संसाधन जुटाए जाएं तथा सभी दबाओं का बंदोबस्त किया जाए, इसके लिए सरकार अस्पताल के लिए और अधिक बजट उपलब्ध कराए।,सभी मरीजों की भर्ती व बेहतर इलाज की व्यवस्था की जाए।,मरीजों से गलत व्यवहार करने वाले डाक्टरों को वहां से हटाया जाए।
विरोध प्रर्दशन में बबली रावत, हिमांशी चौधरी,मंजू गौतम,सुमन सेंगर,राम देवी, सावित्री रावत, कमला रावत,रेखा यादव, सुशीला शर्मा, रामकली रावत, समेत बड़ी संख्या में महिलाएं सामिल थी।इस अवसर पर ऐक्टू के जिला मंत्री का0 कुमार मधुसूदन मगन, निर्माण मजदूर यूनियन के नेता का रामसेवक रावत, का रमेश चंद्र शर्मा,का रमेश गौतम तथा रनियांमऊ हत्याकांड के मृतक के पिता मेवालाल रावत आदि थे।

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