पुलिस का दावाः परिवार के साथ आत्महत्या करने वाले जेई ने खरीदी थी 35 करोड़ की जमीन बैंक की किस्त नहीं चुका पा रहे थे

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Police claim: JE, who committed suicide with family, had bought land worth 35 crores, was unable to pay the installment of the bank
पुलिस पड़ताल में उनकी मौत की 3 बड़ी वजह सामने आईं हैं। सबसे बड़ी वजह करीब 35 करोड़ की विवादित जमीन थी

लखनऊ। प्रदेश कीराजधानी लखनऊ के जानकीपुरम में जेई शैलेंद्र कुमार द्वारा परिवार संग सुसाइड करने का मामला उलझता जा रहा है। पुलिस को जांच-पड़ताल में मिले सुसाइड पत्र में जिन्हें धमकी देने वाला बताया गया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि वो अपना ही रुपया वापस लेने के लिए जेई के घर पहुंच रहे थे। लेटर में लिखे दो नाम तो ऐसे हैंए जिनसे सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने के लिए जेई ने रुपए लिए थे।

पुलिस पड़ताल में उनकी मौत की 3 बड़ी वजह सामने आईं हैं। सबसे बड़ी वजह करीब 35 करोड़ की विवादित जमीन थी। दूसरी वजह बनीए इस जमीन का सौदा नहीं होना। लोन लेने को लेकर ब्रोकर को 65 लाख रुपए देने से कर्ज बढ़ता रहा था। ये खुलासाए सुसाइड नोट में मौत की वजह बताए गए चार लोगों से हुई पूछताछ में हुआ है।

खरीदी जमीन निकली विवादित

पुलिस की जांच में यह सामने आया कि शैलेंद्र ने अपनी कमाई की पूरी रकम जमीन के खरीदने में लगा दी। 2015 में बख्शी के तालाब यानी बीकेटी में 54 हजार स्क्वायर फीट जमीन करीब 5 करोड़ में खरीदी थी। जिसकी मौजूदा मार्केट वैल्यु करीब 35 करोड़ है।

शैलेंद्र ने उस जमीन पर प्लाटिंग शुरू की। मगर जमीन विवादित होने की बात सामने आई। इसके बाद शैलेंद्र के साथ करीब 10 लोगों का इन्वेस्टमेंट फंस गया। लोग अपने रुपए वापस देने का दबाव बनाने लगे। मोबीन खान और नरेंद्र प्रताप ऐसे ही लोग हैं। जिन्हें धमकी देने का आरोपी बनाया गया है।

रुपया लौटाने का दबाव बढा

जेई शैलेंद्र पर लोगों का रुपया लौटाने का दबाव ज्यादा हुआ। तो बैंक के ब्रोकर शैलेंद्र श्रीवास्तव को लोन दिलाने के नाम पर 65 लाख रुपए और दे दिए। शैलेंद्र लोन न मिलने और कर्ज बढ़ने से मानसिक दबाव में आ गए। लोग फोन पर पैसा वापस करने का दबाव बनाने लगे। इसका नतीजा उन्होंने पत्नी और दोस्त के नाम पर दो जमीन की गिफ्ट डील कर दी। लोन ले लियाए लेकिन किस्त नहीं अदा कर पा रहे थे।

इसके साथ ही शैलेंद्र पर सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर पैसा लेने का भी आरोप लग रहा है। आरोपी नरेंद्र प्रताप के मुताबिक शैलेंद्र ने कई लोगों से नौकरी के नाम पर पैसे लिए थे। संतोष शुक्ला से उसने नौकरी के नाम पर पैसा लिया था। पैसा वापस करने के नाम पर जमीन देने का वादा किया था। जिसको भी बाद में देने से मुकर गया।

शैलेंद्र ने कभी पुलिस से मदद नहीं मांगी

क्ब्च् उत्तरी एसएम कासिम आब्दी ने बतायाएष्सुसाइड नोट के आधार पर 3 आरोपियों से पूछताछ की गई। जिसमें विवादित जमीन खरीदनेए लोन का प्रयास और नौकरी के नाम पर पैसा लेने जैसी बातें सामने आई हैं। बीकेटी से जमीन संबंधी कागजात और आरोपियों से लेनदेन का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।अभी तक की जांच से साफ है कि मृतक शैलेंद्र ने पुलिस से कभी किसी की शिकायत नहीं की। यहां तक उसके परिजन भी इस विषय में कोई भी जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं।ष्

भाई को भी नहीं बताया

शैलेंद्र के लखनऊ वाले घर पर ताला पड़ा था। पैतृक गांव इटौंजा के असनहा गांव में पत्नी गीताए बेटी रिचा के साथ शैलेन्द्र का अंतिम संस्कार किया गया। उनके भाई सतेंद्र ने बताया भाई ने कभी ये नहीं बताया कि उनके साथ क्या हो रहा है। अगर बताते तो शायद ये दिन देखना नहीं पड़ता। हमारे पिता भवानी दीन टीचर और मां आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर थीं। दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। मां रामदेवी की मौत होने पर उनकी जगह मुझे नौकरी मिली थी।

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