कानपुर। यूपी के कानपुर के गोविंदनगर में रिश्तों के शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां नशे का विरोध करने पर कलयुगी बेटे ने पिता की गला रेतकर हत्या कर दी। यहीं नहीं सो रहे नाना की हत्या का भी प्रयास किया तो परिजनों की आंख तब तक खुल गई। परिजनों ने आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने नाना व मां के सिर पर सरिये से वार कर लहूलुहान कर दिया और मौके से फरार हो गया। हत्या की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस व फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने आरोपी को गोविंद नगर क्षेत्र से ही गिरफ्तार कर लिया है।
मूल रूप से कानपुर देहात के गजनेर निवासी जीत कुमार (55) ठेकेदारी करता था। वह पत्नी सुमन, बेटे निखिल व अखिल के साथ गुजैनी सी ब्लॉक निवासी अपने ससुर राम भरोसे के घर पर रहता था। निखिल इंटर की पढ़ाई करने के बाद घर पर रहता था। अखिल कक्षा 11 का छात्र है। सुमन ने बताया कि बेटा निखिल शराब का लती था और मनोरोगी भी था।
पिता की डांट से था नाराज
स्थानीय लोगों ने बताया आरोपी करीब एक माह से घर पर ही था। रविवार रात पिता ने बेटे को शराब पीने के कारण डांट लगाई थी। इसके बाद पूरा परिवार पहली मंजिल पर सोने चला गया। जीत कुमार नीचे सो रहे थे। सोमवार सुबह करीब चार बजे निखिल नीचे आया और पिता के सिर पर सरिये से वार कर दिया। इसके बाद भी जब उसकी मौत नहीं हुई तो सब्जी काटने वाली चाकू से उसका गला रेत दिया।
इसके बाद निखिल ऊपर नान राम भरोसे के पास गया और उनके सिर पर भी सरिया से वारकर घायल कर दिया। नाना के चिल्लाने की आवाज सुन सुमन दौड़ी तो बेटे ने मां को भी घायल कर दिया। छोटा बेटा अखिल पिता को जगाने आया तो चादर हटाते ही उसके होश उड़ गए। चीख-पुकार मचने पर निखिल मौके से फरार हो गया। सूचना पर गोविंद नगर इंस्पेक्टर रोहित तिवारी फोर्स के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए। वहीं फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर मौके से सरिया व चाकू बरामद कर ली। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सबको मारने का था इरादा
मां सुमन की माने तो पिछले एक हफ्ते से निखिल सबको मारने की बात कह रहा था। मगर वह ऐसा कर देगा यह किसी को नहीं पता था। वह कभी-कभी बोलता था कि दुनिया बहुत बेकार है, सबको मारकर मैं भी मर जाऊंगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक निखिल बहुत झगड़ालू स्वभाव का था। वह जरा-जरा सी बातों में लोगों से झगड़ा कर बैठता था। वहीं, छोटा भाई अखिल चंचल स्वभाव का था। जिस कारण क्षेत्र के लोग भी निखिल से कम बात करना पसंद करते थे।
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