चित्रकूट। प्यार करने वाले अपनी मोहब्बत की खातिर अपनी जान देने से पीछे नहीं हटते, कुछ ऐसी ही कहावत चित्रकूट के गांव में देखने को मिली। यहां के खाकी गांव की विधवा गांव के ही एक युवक से प्रेम करती थी, लेकिन बिरादरी अलग होने की वजह से उसके घर वाले उन दोनों की शादी को राजी नहीं हो रहे थे, इसलिए उसने मरने से पहले एक बार फिर सुहागन बनी, मांग भरी और बिछिया पहनी इसके बाद प्रेमी के साथ फांसी के फंदे पर झूल गई;सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पति की मौत के बाद रह रही थी मायके में
रानीपुर खाकी गांव की महिला सुनीता देवी (30) के पति साधु मौर्य की तीन साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसके बाद वह मायके रानीपुर खाकी में रहने लगी। उसकी सात साल की बेटी प्रीति भी है। महिला का गांव के ही कैलाश यादव के साथ काफी दिनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन सजातीय न होने से घरवाले राजी नहीं थे। सोमवार सुबह दोनों का शव सुनीता के घर पर फांसी से लटकते मिले। चौकी प्रभारी प्रवीण सिंह ने बताया कि महिला ने सुहागन का श्रृंगार कर रखा था। ग्रामीणों ने दोनों के प्रेम संबंध होने की बात बताई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।वहीं मां की मौत के बाद उसकी सात साल की बेटी बेसुध बैठी हुई वह किसी से बात तक नहीं कर रही है।
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