अंगूर उत्पादकों के लिए यूपीएल के दो अनूठे और असरकारक सॉल्यूशंस वाइनरो और बियोन्स

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Wineroe and Beyonce, two of UPL's unique and effective solutions for grape growers
सीमित विकल्पों और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव के साथ, जैव समाधान समय की आवश्यकता है।

मुंबई-बिजनेस डेस्क । सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशंस के ग्लोबल प्रोवाइडर यूपीएल लिमिटेड ने अंगूर की फसलों में डाउनी और पाउडरी मिल्ड्यू को दूर करने के उद्देश्य से दो अनूठे और असरकारक बायो सॉल्यूशंस-वाइनरो और बियोन्स उपलब्ध कराए हैं। ये दोनों प्रोडक्ट अंगूर उत्पादकों द्वारा सामना किए जाने वाले अधिकतम अवशेष सीमा और प्रतिरोध प्रबंधन के दबाव से संबंधित मुद्दों को दूर करते हैं। ये दोनों मुद्दे अंगूर निर्यात के लिए अर्हता प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण बाधाओं के रूप में देखे जाते हैं।

अंगूर की गुणवत्ता बढ़ाता है

अंगूर का निर्यात करने वाले उत्पादक सख्त निर्यात नियमों का पालन करने के लिए छंटाई के 55 दिनों के बाद रसायनों का उपयोग करने से हिचकते हैं और इसके परिणामस्वरूप निर्यात की खेप को अक्सर अधिकतम अवशेष स्तर की चिंताओं का हवाला देते हुए खारिज कर दिया जाता है। वाइनरो और बियोन्स की अनूठी विशेषताएं लंबी अवधि के नियंत्रण में सहायता करती हैं और अधिकतम अवशेष सीमा की चिंताओं को दूर करती हैं। उनके बायो स्टिम्यूलेटिंग गुण अंगूर की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करते हैं और इस तरह उच्च कीमतें हासिल की जा सकती हैं। सीमित विकल्पों और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव के साथ, जैव समाधान समय की आवश्यकता है।

वाइनरो का उपयोग शुरुआती चरणों में प्री-ब्लूम से लेकर कैप फॉलिन तक रासायनिक उत्पादों के साथ संयोजन में डाउनी मिल्ड्यू के खिलाफ सिस्टेमेटिक एक्वायर्ड रेसिस्टेंस विकसित करने के लिए किया जा सकता है। दूसरी ओर, बायोस का उपयोग बेरी सेटिंग चरण से रासायनिक उत्पादों के साथ संयोजन के रूप में किया जा सकता है ताकि पाउडर फफूंदी के लिए सिस्टेमेटिक एक्वायर्ड रेसिस्टेंस का निर्माण किया जा सके।

यह उत्पाद किसानों के लिए फायदेमंद

यूपीएल के डायरेक्टर-इंडिया रीजन आशीष डोभाल ने कहा, ‘यूपीएल में, हम अपने मुख्य हितधारकों अर्थात किसानों की भलाई और सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने एनपीपी (नेचुरल प्लांट प्रोटेक्शन) बीयू के तहत किसानों को सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स की आपूर्ति करने की उम्मीद करते हैं जो इनोवेशन के माध्यम से उनकी वित्तीय स्थिति को और बेहतर बनाएंगे। वाइनरो और बियोन्स अपनी अनूठी अवशेष नियंत्रण और प्रतिरोध प्रबंधन सुविधाओं के साथ, अंगूर उत्पादकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे। इन प्रोडक्ट्स की सहायता से अंगूर उत्पादक न सिर्फ रोग नियंत्रण में कामयाब रहेंगे, बल्कि उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।’’

जैव समाधानों का उपयोग

नासिक के किसान भूषण राजेंद्र शिंदे कहते हैं, ‘‘मैं निर्यात के लिए 11 एकड़ जमीन पर अंगूर उगाता हूं। मैंने डाउनी और पाउडर फफूंदी का मुकाबला करने के लिए कीटनाशकों का उपयोग किया है, लेकिन वे अंगूर में अवशेष छोड़ देते हैं जिससे निर्यात करना असंभव हो जाता है। मुझे एहसास हुआ कि अवशेष मुक्त जैव समाधान आज के दौर की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

यूपीएल की मदद की बदौलत मैंने अपनी अंगूर की फसल पर वाइनरो और बियोन्स का इस्तेमाल किया। प्रारंभ में, मैंने प्रूनिंग के 45वें और 52वें दिन वाइनरो के दो स्प्रे और उसके बाद 70वें और 75वें दिन बियोन्स के दो स्प्रे प्रूनिंग के बाद लगाए। जब मैं यूपीएल के जैव समाधानों का उपयोग कर रहा था तब मौसम असंगत था, लेकिन फिर भी मुझे निर्यात गुणवत्ता वाले अंगूर प्राप्त हुए। मेरे अंगूर अवशेष मुक्त थे, और मैं उन्हें आसानी से निर्यात करने में सक्षम था। मैं वाइनरो और बियोन्स के लिए यूपीएल का आभारी हूं।’’

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