![vi 28 Vodafone Idea Foundation launched its smart agri project in these states along with UP](https://uphindinews.in/wp-content/uploads/2022/05/vi-28-696x478.jpg)
लखनऊ-बिजनेस डेस्क। वी की सीएसआर शाखा वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन अपने बदलावकारी ‘स्मार्ट एग्री’ प्रोजेक्ट को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम और तेलंगाना के खेतों में विस्तारित कर रही है। वी की सीएसआर शाखा द्वारा 2020 में शुरू किया गया स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीकों के द्वारा किसानों की आजीविका में सुधार लाने और उन्हें खेती के स्थायी तरीके अपनाने में मदद करता है।
इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी), आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स (एआई) एवं रियल टाईम टेक्नोलाॅजी समाधानों के उपयोग से स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट किसानों को खेती से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी देता है- जैसे उन्हें मिट्टी एवं वायु की गुणवत्ता, हवा, कीटों की मौजूदगी एवं फसलों के विकास के बारे में बताता है।
किसानों को मिलती है सलाह
किसानों को अपनी फसलों के लिए महत्वपूर्ण कृषि इनपुट पर रियल-टाईम एवं स्थानीकृत अडवाइज़री दी जाती है, उन्हें बाज़ार, सरकारी नीतियों एवं योजनाओं के बारे में हर खबर मिलती रहती है। उन्हें मोबाइल फोन के माध्यम से उनकी अपनी भाषा में यह जानकारी दी जाती है और अगर वे पढ़ने में सक्षम न हों तो आॅडियो के विकल्प भी होते हैं।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लाॅन्च किया गया स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट अब चार और राज्यों में विस्तारित किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट 2.8 लाख से अधिक किसानों की उत्पादकता को 8-12 फीसदी बढ़ाने और लागत में 15-20 फीसदी कमी लाने में मदद कर रहा है।स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के विस्तार पर बात करते हुए पी बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एण्ड काॅर्पोरेट अफे़यर्स आफिसर, वीआईएल एवं डायरेक्टर, वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन ने कहा, ‘‘कृषि आज भी 58 फीसदी भारतीय आबादी के लिए आजीविका का प्राथमिक स्रोत है, 70 फीसदी ग्रामीण परिवार कृषि पर ही निर्भर हैं।
कृषि से तकनीकी में बदलाव
वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन का स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक के उपयोग द्वारा देश की कृषि प्रथाओं में बदलाव ला रहा है और किसानों को अपनी फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीक एवं ‘इंटेलीजेन्ट’ समाधानों के उपयोग का आत्मविश्वास दे रहा है। हमारे तकनीकी हस्तक्षेपों के परिणामस्वरूप किसानों की फसल उत्पादकता और मुनाफ़ा बढ़ा है, जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक सामाजिक प्रभाव उत्पन्न हुआ है। हमें खुशी है कि अब हम चार राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम और तेलंगाना में इस परियोजना का विस्तार कर 2.8 लाख से अधिक किसानों को इस बदलाव का लाभ उठाने में सक्षम बना रहे हैं।’’
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