वाराणसी। बाबा विश्वनाथ धाम के पास स्थित ज्ञानवापी मंदिर में सर्वे के दौरान वजू खाने में मिले शिवलिंग जैसी आकृति की अब रोजना पूजा -अर्चना करने की मांग उठने लगी है। इसी क्रम में सबसे पहला नाम आया हैं, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का उन्होंने पूजा पाठ के लिए अन्न का त्याग कर दिया है। डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा का अधिकार जब तक उन्हें नहीं मिल जाता है, तब तक वह अन्न नहीं ग्रहण करेंगे। अपने घर में रह कर फलाहार करते रहेंगे।
वहीं पूर्व महंत ने कहा कि वह अपने बारे में उड़ाई जा रही अफवाह से आहत हैं। कुछ लोग सुनियोजित तरीके से अफवाह उड़ा रहे हैं कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा के अधिकार के लिए उन्होंने जो याचिका दाखिल की थी, वह वापस ले ली है। जबकि, ऐसा कुछ नहीं है। सब कुछ ठीक रहा तो आज जिला जज की अदालत में उनकी याचिका पर सुनवाई होगी।
पूजा करने का मांगा अधिकार
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली पत्थर की इस ठोस संरचना को लेकर पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का दावा है कि यह शिवलिंग है। इस शिवलिंग की पूजा का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए। ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली पत्थर की इस ठोस संरचना को लेकर पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का दावा है कि यह शिवलिंग है। उनका कहना है कि इस शिवलिंग की पूजा का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए।
हमें खुद को हाईलाइट नहीं करना है
डॉ. कुलपति तिवारी ने कहा कि हमें ज्ञानवापी प्रकरण से खुद को हाईलाइट नहीं करना है। बाबा विश्वनाथ के दरबार में पीढ़ियों से हम सेवा कर रहे हैं। हमारी मांग एकमात्र यही है कि ज्ञानवापी में मिले आदि विश्वेश्वर के स्नान, शृंगार, पूजा और भोग-राग शुरू हो। सनातन धर्मियों के लिए यह कितनी कष्टदायी बात है कि बाबा का शिवलिंग मिलने के बावजूद उनकी पूजा नहीं शुरू हो पाई है। बाकी, जिन्हें ज्ञानवापी प्रकरण से खुद को हाईलाइट करना है वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
बाबा विश्वनाथ उन्हें सद्बुद्धि दें
पूर्व महंत ने कहा कि मेरे बारे में अफवाह फैलाने वालों से मैं नाराज नहीं हूं। बाबा विश्वनाथ से बस इतनी ही प्रार्थना है कि वह उन्हें सद्बुद्धि दें। मंदिर-मस्जिद की लड़ाई में बाबा विश्वनाथ भी कोर्ट पहुंच गए, यह मेरे लिए बेहद ही दुखद बात है। बाबा विश्वनाथ से यही प्रार्थना है कि वह कुछ ऐसा चमत्कार करें कि ज्ञानवापी में मिले उनके शिवलिंग की नियमित पूजा शुरू हो सके। न्याय व्यवस्था में मेरी पूरा विश्वास है। उम्मीद करता हूं कि अदालत हमारी याचिका पर गंभीरतापूर्वक विचार कर हमें बाबा के शिवलिंग की पूजापाठ करने का अधिकार देगी।
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