ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी में बढ़ोतरी से सरकार की प्रस्तावित एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स पर पड़ेगा प्रभाव

490
Increase in GST on online gaming will affect the government's proposed animation, visual effects
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी जीओएम का हिस्सा हैं और कर व्यवस्था तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

लखनऊ। यूपी सरकार ने हाल ही एवीजीसी (एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद के साथ राज्य में मौजूदा कंपनियों की सुविधा को बढ़ाने और नया निवेश आकर्षित करने के लिए एक औपचारिक नीति बनाने का ऐलान किया है। लेकिन सरकार की इस मंशा के सामने आने के बमुश्किल दो दिन बाद ही उद्योग प्रदेश में ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी में बढ़ोतरी के प्रतिकूल प्रभाव का अनुमान लगा रहा है।

उद्योग जगत इस संभावित बढ़ोतरी को लेकर इसलिए भी हैरान है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उद्यमियों को गेमिंग, एवीजीसी और अंतरिक्ष जैसे उभरते क्षेत्रों में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया है। मध्य प्रदेश सरकार की स्टार्ट अप नीति की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जहां ये क्षेत्र फलफूल रहे हैं, वहीं वैश्विक बाजार में हमारी हिस्सेदारी कम है और इसीलिए इन क्षेत्रों को और अधिक प्रोत्साहन देने की जरूरत है।

जीएसटी बढ़ने से बढ़ेगी मुश्किल

सरकार की एवीजीसी नीति ऐसे समय में आई है जब जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के संबंध में कराधान के मामले पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। मंत्रियों के समूह की पहली बैठक 2 मई को हुई थी, जिसके बारे में पता चला है कि यह समूह कर की दर को 18 प्रतिषत से 28 प्रतिषत तक बढ़ाने पर आम सहमति पर पहुंच गया है।जीओएम के अध्यक्ष श्री कॉनराड संगमा ने टिप्पणी की है कि 18 मई को जीओएम की दूसरी बैठक में वे मूल्यांकन के मुद्दे की जांच करेंगे कि क्या सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर कर लगाया जाना चाहिए, जैसा कि वर्तमान में चलन है या संपूर्ण पुरस्कार पर, जो कानून के अनुसार कार्रवाई योग्य दावा है।

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी जीओएम का हिस्सा हैं और कर व्यवस्था तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार को जीओएम के निर्णय को ध्यान मंे रखते हुए एक खास दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, ताकि प्रदेष को एक प्रमुख खेल विकास केंद्र के रूप में उभरने की दिषा में किए जा रहे प्रयासों को धक्का नहीं लगे और प्रदेष के स्टार्ट-अप्स को कर व्यवस्था में बदलाव का खामियाजा नहीं भुगतना पड़े।

ऑनलाइन गेमिंग की नीति बनानी होगी

इंडियाटेक डॉट ओआरजी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर रमेश कैलासम ने कहा, ‘‘भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की बढ़ती क्षमता का सही आकलन करने की आवश्यकता है। यह आवश्यक है कि कौशल की प्रधानता वाले खेलों पर आदर्श रूप से प्लेटफॉर्म फीस पर 18 प्रतिषत कर लगाया जाए। जीओएम को आदर्श रूप से सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और वैल्यू ऑफ सप्लाई के रूप में प्लेटफॉर्म शुल्क/जीजीआर पर विचार करने की वर्तमान प्रथा को जारी रखने की सिफारिश करनी चाहिए। चूंकि ऑनलाइन कौशल-आधारित गेमिंग जुआ या सट्टेबाजी या दांव नहीं है, मुकदमेबाजी को हल करने और उद्योग को राहत प्रदान करने के लिए एक स्पष्टीकरण जारी करने की आवश्यकता है।’’

 प्रदेश को अगला एवीजीसी हब बनने के लिए एक अनुकूल कर संरचना की आवश्यकता है जिसमें केवल जीजीआर पर 18 प्रतिषत कर का प्रावधान हो। ऑनलाइन कौशल गेमिंग उद्योग के खिलाड़ियों का मानना है कि एक प्रतिगामी कर संरचना न केवल खेल विकास के केंद्र के रूप में उत्तर प्रदेश के विकास को प्रभावित करेगी, बल्कि इसमें शामिल गेम डेवलपर्स के रोजगार की स्थिति पर भी विपरीत असर पड़ेगा।

विदेशों में यह व्यवस्था

अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के समान कर ढांचे की वकालत करने वाले उद्योग विशेषज्ञों ने संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों की ओर इशारा किया है, जिसमें बताया गया है कि वे जीजीआर पर 15-20 प्रतिशत की दर से कर कैसे लगाते हैं। भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल जैन ने कहा, ‘‘हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा है कि जिन बाजारों ने जीजीआर के बजाय प्राइज पूल पर कर लगाना शुरू कर दिया है, उन्हें केवल जीजीआर पर कर लगाने की व्यवस्था को वापस अपनाना पड़ा, क्योंकि गैर-अनुपालन, राजस्व में छीजत और ग्रे मार्केट की समस्याएं सामने आने लगी थीं।

’सिर्फ जीजीआर पर कर लगाने की आवश्यकता की वकालत करते हुए, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने जीएसटी परिषद के समक्ष अनेक सिफारिशें प्रस्तुत कीं, जिसमें व्यापार को ग्रे मार्केट में स्थानांतरित होने से रोककर राजस्व रिसाव को बचाने की दिषा में ध्यान आकर्षित किया गया। साथ ही गैर-अनुपालन को हतोत्साहित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह भी किया गया।

इसे भी पढ़ें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here