रामपुर में तालाब और कब्रिस्तान को पाटकर बनाया था मकान, बाबा के बुलडोजर के डर से खुद गिराया

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In Shikohabad, where five people lost their lives in the explosion, the administration's bulldozer was used there, many weak houses were razed to the ground.
अपने आशियानों को अपनी आंखों के सामने जमींदोज होते हुए देख लोगों के आंसू छलक उठे।

रामपुर। यूपी की सत्ता में सीएम योगी की वापसी के बाद से अपराधियों के दिल में उनका खौफ बैठ गया है। अपराधी खुद थाने पहुंचकर सरेंडर कर रहे है। वहीं अवैध रूप से निर्माण करने वाले खुद ब खुद अपना अतिक्रमण ढहा रहे है। बाबा के दूसरे कार्यकाल में तो अवैध कार्य तथा निर्माण को लेकर बुलडोजर के प्रयोग की नौबत नहीं आ रही है। पुलिस भी केवल अपराधी के घर के बाहर बस बुलडोजर खड़ा कर रही है तो वह सरेंडर कर रहे है। कुछ ऐसा ही मामला अवैध निर्माण कराने वालों के साथ है। रामपुर में तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण कराने वाले ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर अपना निर्माण गिरवाने की गुहार लगाई और प्रशासन ने अगले ही दिन से कार्रवाई प्रारंभ कर दी।

अपराधी बुलडोजर से खौफ खा रहे है

रामपुर में आजम खां के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। ऐसा ही मामला यहां के शाहाबाद तहसील क्षेत्र का है। जहां पर तालाब की जमीन पर लोगों ने कब्जा कर मकान बना रखे हैं। इतना ही नहीं कुछ बिल्डर्स तो प्लाटिंग में लगे हैं। यहां पर शनिवार को तालाब की पैमाइश करने पहुंचे एसडीएम से ग्रामीणों ने खुद तालाब की जमीन पर बने मकान को तोड़ने की बात करने लगे।

इन लोगों ने अपने मकान गिरवाने की अर्जी तक दे दी है। रामपुर जिले की शाहबाद तहसील क्षेत्र के मित्रपुर गांव में तालाब में ग्रामीणों ने पक्के मकानों निर्माण कर लिया था। इनकी शिकायत के आधार पर एसडीएम अशोक कुमार चौधरी ने तालाब की पैमाइश शुरू करा दी है। इस पैमाइश में तालाब के अंतर्गत जितने मकान हैं, उन सभी को नोटिस देकर उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया से पहले ही लोग अपना अवैध निर्माण गिरवाने की सिफारिश में लगे हैं।

तालाब को पाटकर बनवाया था मकान

प्रशासन द्वारा जब मामले की पड़ताल की गई तो पाया गया कि बहुत पहले तालाब को पाटकर उस जमीन पर लोगों ने अपने घर बनवा लिए थे। अब अवैध संपत्तियों पर जिस प्रकार से कार्रवाई हो रही है, उससे इन लोगों को डर लगने लगा है। गांव के एहसान ने एसडीएम को दी गई अर्जी में कहा कि यहां पर उसका मकान पुश्तैनी है। उसके दादा-परदादा ने इसका निर्माण कराया था।

जब जमीन के कागजातों की जांच की तो पाया कि यह तालाब की जमीन है। इस कारण उसने एसडीएम को अर्जी देकर मकान गिराने का अनुरोध कर दिया। एहसान की इस अर्जी की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने उसका विरोध शुरू कर दिया है। आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों का कहना है कि अगर एहसान का मकान टूटता है तो उनके घर भी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे। प्रधान का भी घर तालाब के दायरे में आने का दावा है।एसडीएम अशोक चौधरी ने बताया कि जांच में पाया गया है कि यहां पर कई घर तालाब और कब्रिस्तान की जमीन पर बने हैं। आधा से अधिक गांव तालाब और कब्रिस्तान पर बसा हुआ है। तालाब और कब्रिस्तान को पाटकर लोगों ने घर बना लिए हैं। अब इनका गिरना तय है।

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