लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य काउंसिल की दो दिवसीय बैठक 26 एवं 27 मार्च 2022 को लखनऊ में भाकपा के क़ैसर बाग स्थित राज्य कार्यालय पर होगी। काउंसिल बैठक 26 मार्च को अपरान्ह 3 बजे प्रारंभ होगी। इससे पूर्व राज्य कार्यकारिणी की बैठक प्रातः 10 बजे से होगी। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में भाकपा राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहा कि चुनाव नतीजों के आने के बाद से प्रदेश में महिलाओं से बदसलूकी,
कमजोरों के उत्पीड़न और महंगाई में भारी व्रद्धि हुई है। लोग असहनीय कठिनाइयों के दौर से गुजर रहे हैं और सत्ता प्रतिष्ठान जीत के जश्न में मशगूल है और राजतिलक पर जनता के धन से अरबों रुपये व्यय किए जा रहे हैं। लोकतन्त्र को कुचला जा रहा है अधिनायकवाद को बढ़ावा दिया जारहा है। बैठक में उक्त सभी ज्वलंत सवालों पर चर्चा की जायेगी।
बताया गया कि महंगाई निजीकरण और श्रमिकों- किसानों को कंगाल बनाने वाली नीतियों के विरूद्ध 28 एवं 29 मार्च को होने जा रही कमेरे वर्ग की हड़ताल को समर्थन दिये जाने पर भी विचार किया जायेगा। बैठक में हाल में संपन्न चुनावों के परिणामों की समीक्षा एवं पार्टी के नियमित सांगठानिक क्रिया कलापों को आगे बढ़ाने पर भी विचार किया जायेगा।
एमएलसी चुनाव को लेकर भाजपा पर लगाया यह आरोप
वहीं इससे पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के सचिव मण्डल ने कहा कि स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी चुनावों में शासक दल भाजपा ने सारी मर्यादाएं ताक पर रख दी हैं। यह लोकतन्त्र के लिये अति घातक और फासीवाद का भगवा संस्करण है।
भाकपा इस भगवा फासीवाद की कड़े शब्दों में निन्दा करती है और सर्वोच्च न्यायालय से मांग करती है कि जनादेश के इस नग्न चीरहरण पर स्वतः संज्ञान लेकर आवश्यक कार्यवाही करे। उनके मुताबिक भाजपा और उसकी सरकार ने जो कुछ ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव के समय किया गया,
वही सब उपर्युक्त चुनावों में दोहराया जा रहा है। रिटर्निंग आफ़ीसर मखौल बन कर रह गये हैं और प्रशासन सत्तापक्ष की कठपुतली मात्र। इससे तो अच्छा यह हो कि भाजपा निर्वाचन का ढोंग खत्म कर सीधे एमएलसी नामांकित कर दे। वहीं भाकपा सचिव मंडल ने कहा कि लोकतंत्र विरोधी इस कारगुजारी पर विपक्ष को कार्यवाही में उतरना होगा।
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