लखनऊ-बिजनेस डेस्क। एंडोडोंटिक्स यानि ‘दातों को बचाने के लिए किया जाने वाला उपचार’ बेहद स्पेशलाइज्ड विज्ञान है जिसमें अनुमानित एवं सकारात्मक परिणाम पाने के लिए अडवान्स्ड स्किल्स की जरूरत होती है। दांतों में कैविटी के बढ़ते मामलों और इसके बारे में जागरूकता की कमी के चलते और भी जरूरी हो जाता है कि हर डेंटिस्ट को इन स्किल्स के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।
अग्रणी हेल्थकेयर ऐड-टेक ब्राण्ड मेडवर्सिटी और क्लव डेंटल ने एंडोडोंटिक्स में फैलोशिप कोर्स के लॉन्च के लिए क्लव डेंटल के साथ साझेदारी की है। 6 महीने के इस फैलोशिप प्रोग्राम के तहत भारत के सभी प्रमुख शहरों में क्लव डेंटल के साथ 3 माह का कॉन्टैक्ट प्रोग्राम शामिल होगा। इससे छात्र अपने ज्ञान का उपयोग व्यवहारिक रूप से कर सकेंगे।
6 महीने के फैलोशिप प्रोग्राम
लेफ्टिनेन्ट जनरल डॉ विमल अरोड़ा, चीफ़ क्लिनिकल ऑफिसर (पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम और बार) क्लव डेंटल ने कहा, ‘‘देश में एंडोडोंटिस्ट्स की संख्या अपर्याप्त है और इनकी ज़रूरत बहुत अधिक है। देश में न सिर्फ एंडोडोंटिक्स में पोस्ट-ग्रेजुएशन में अतिरिक्त सीटों की आवश्यकता है बल्कि इन चिकित्सकों को एंडोडोंटिक्स के क्षेत्र में कौशल विकास देना भी ज़रूरी है ताकि रूट कैनाल, री-रूट कैनाल, सिंगल सिंटिंग रूट कैनाल, सर्जिकल एंडोडोंटिक्स और पोस्ट एंडोडोंटिक्स रीहेबिलिटेशन के उपचार में सुधार लाया जा सके।
ओरल केयर पर ध्यान देने की जरूरत
मेडवर्सिटी के साथ हमारी साझेदारी से इन सभी मुद्दों का समाधान हो सकेगा और हमारे डेंटल सर्जन्स को अपनी प्रेक्टिस में सुधार लाने एवं मरीज़ों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण का सही प्लेटफॉर्म मिलेगा।’’ क्लव डेंटल देश भर में मेडवर्सिटी के छात्रों को सही बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा, साथ ही ये युवा डेंटिस्ट अनुभवी एवं प्रशिक्षित फैकल्टी के मार्गदर्शन में उचित प्रशिक्षण भी पा सकेंगे।
जेराल्ड जयदीप, सीईओ मेडवर्सिटी ने कहा, ‘‘भारत में ओरल केयर प्रोफेशन की बात करें, तो इस क्षेत्र में पेशेवर शिक्षा से लेकर, प्रेक्टिस एवं रोज़गार तक कई तरह की चुनौतियां हैं। वर्तमान में हमारे देश में डेंटिंस्ट्स की संख्या दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जहां 2.7 लाख रजिस्टर्ड प्रेक्टिशनर हैं। हमारे डेंटिस्ट्स एवं आबादी का अनुपात 1ः5000 है जो विश्वस्वास्थ्य संगठन के अुनसार 1ः7500 होना चाहिए।’’
इसे भी पढ़ें..