सम्मानित लोकतंत्र सेनानी एडवोकेट सी. बी. सिंह के निधन पर शोक की लहर

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सी. बी. सिंह(फाइल फोटो)

लखनऊ। आपातकाल के विरोध में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जे पी मूवमेंट) के नेतृत्व में चले देश व्यापी आंदोलन के पुरोधा – क्रांतिकारी व लोकतंत्र रक्षक सेनानी 75 वर्षीय एडवोकेट सी बी सिंह के आज मऊ में हुए निधन पर लोकतंत्र सेनानी संगठन शोक संवेदना व्यक्त करते हुए संगठन के राष्ट्रीय संयोजक महावीर सिंह ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि जब देश मे तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व की सरकार ने 26 जून 1975 को देश में आपातकाल (इमरजेंसी) घोषित कर विपक्ष के नेताओं को जेल में ठूस कर लोकतंत्र की हत्या कर दी थी जिसके कारण छात्रों, बुद्धिजीवियों, मजदूरों, पत्रकारों में आपातकाल व सरकार के खिलाफ विरोध स्वरूप आक्रोश पनपने लगा था स्वतःस्फूर्त आंदोलन जयप्रकाश जी के नेतृत्व में पूरे देश मे सरकार विरोधी धरना प्रदर्शन होने लगे थे व उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नही था।

मीसा के अंतर्गत जेल में डाल दिया गया

उत्तर प्रदेश में भी सी. बी. सिंह के नेतृत्व में बनी छात्र संघर्ष समिति छात्र आंदोलन के साथ – साथ आम जनमानस को साथ ले आपातकाल के विरोध में सड़को, गलियों, व गावों समेत पूरे प्रदेश में चला रही थी। इसी सरकार विरोधी आंदोलन चलाने के कारण सी बी सिंह व अन्य साथियों को काला कानून मीसा के अंतर्गत जेल में डाल दिया गया व उन्हें भयंकर यातनाये दी गयी।

आन्दोलकारियों के तीव्र होते आंदोलन से घबराकर तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार को झुकना पड़ा था और आम चुनाव हुए तब जाकर श्री मोरारजी भाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। उस दौरान आपातकाल में सी. बी. सिंह को अपने साथियों सहित 24 महीने जेल में रहना पड़ा था। सी बी सिंह आजीवन अविवाहित रहते हुए अपने अन्तिम दिनों में वे अपने लखनऊ स्थित कार्यालय से छात्रों नौजवानों, मजदूरों के आंदोलन का नेतृत्व व मार्गदर्शन करते रहे है। उनकी निधन से हमारे समाज को अपूरणीय क्षति हुई।

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