लखनऊ। यूपी मिशन—2022 के लिए प्रथम चरण का मतदान गुरूवार यानी कल है। वहीं अन्य चरणों के चुनाव को लेकर सूबे भर में सियासी सरगर्मियां अपने उफान पर हैं। इस बीच शादी वाले परिवारों में बेचैनी बढ़ी हुई है। इसका कारण प्रशासनिक चुनावी बंदोबस्त के करण वाहनों का न मिलना बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूबे में चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के चलते लखनऊ समेत आसपास के जिलों में शादी वाले परिवारों की बेचैनी बढ़ी हुई हैं। बताया गया कि जिनकी शादी 100-200 किमी के दायरे में है और उन्हें बरात ले जानी है। उन्हें बरातियों को ले जाने के लिए वाहन नहीं मिल पा रहे हैंं।
वाहन मालिकों को नोटिस जारी
दरअसल, 18, 19, 20 व 22 फरवरी की शादियों में बरातियों को ले जाने के लिए निजी ऑपरेटर की बसें नहीं मिल रहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लखनऊ समेत आसपास के जिलों में 23 फरवरी को मतदान होने के कारण संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने निजी बसों को शादी परमिट देना बंद कर दिया है।
जबकि आरटीओ बसों का अधिग्रहण करने के लिए मालिकों को नोटिस भी जारी कर चुका है। जारी नोटिस के अनुसार 20 फरवरी की शाम पांच बजे तक ये बसें रिजर्व पुलिस लाइंस में मालिकों को पहुंचाने का अल्टीमेटम दिया गया है। बताया गया कि ऐसे में शादी वाले परिवार विकल्प के रूप में ट्रेवल एजेंसियों में कार की बुकिंग करा रहे हैं। इससे उन्हें अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी।
वाहन मालिकों पर यूं डाला जा रहा दबाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शादी के एक परिवार के अनुसार रोडवेज की बसें तो हैं, लेकिन उनका भाड़ा ज्यादा होने के कारण बुक नहीं करा रहे हैं। वहीं कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन के मुताबिक 52 सीटर बस का 400 किमी शादी की यात्रा के लिए 24,081 रुपये का भाड़ा तय किया है।
बताया गया कि ये बुकिंग भी 24 घंटे के लिए होगी। बस 400 किमी से अधिक चलती है तो फिर प्रति किमी रेट भाड़ा अलग से चुकाना पड़ता है। उनके मुताबिक अब तक बरात के लिए कोई बस बुक नहीं हुई है। वहीं लखनऊ निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन के महामंत्री मेजर एमए खान के मुताबिक चुनाव में निजी ऑपरेटरों की रूट, स्कूल व सिटी बसों का अधिग्रहण करने के लिए तीन-तीन तरफ से दबाव है।
आरटीओ प्रशासन की ये हैं सफाई
बताया गया कि एक तो आरटीओ ने नोटिस जारी कर दिया। वहीं लोकल थाना की पुलिस एवं जिला प्रशासन अलग से लखनऊ में 23 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए 20 फरवरी को बसें अपने कब्जे ले लेगा। साथ ही बताया गया कि आरटीओ के द्वारा शादी के लिए बस परमिट देना भी बंद कर दिया गया है।
मेजर एसए खान के अनुसार आरटीओ 20 फरवरी को बसों का अधिग्रहण करेगा और 23 फरवरी को छोड़ेगा। बताया गया कि इस तरह बस चार दिन ड्यूटी करेगी, लेकिन 2000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से तीन दिन का भाड़ा मिलेगा। इधर आरटीओ (प्रशासन) लखनऊ संभाग आरपी द्विवेदी के मुताबिक,
संभागीय परिवहन कार्यालय ने शादी के लिए बस परमिट देने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। बताया गया कि निजी बस ऑपरेटरों का यह कहना गलत है। ऑपरेटर आवेदन करेंगे तो प्रशासन से अनुमति लेकर परमिट देने पर विचार होगा।
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