उत्तर प्रदेश के चुनाव का राष्ट्रीय महत्व क्यों है – तुहिन

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तुहिन, (सामाजिक व राजनैतिक चिंतक)

लखनऊ। उत्तरप्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव फरवरी -मार्च 2022 में एक महत्वपूर्ण समय में हो रहे हैं, जब गरीब मेहनतकश और उत्पीड़ित जनता का विशाल बहुमत सहित पूरा देश, कॉर्पोरेट फासीवादी मोदी राज के कारण त्राहि त्राहि कर रहा है। मोदी की कॉर्पोरेट फासीवादी तानाशाही नीतियों को जारी रखते हुए, योगी के हिंदुराष्ट्र तक पहुंचने के तेज कदमों के चलते, मुसलमानों के खिलाफ नफरत की राजनीति को तेज करने और जो भी लोकतांत्रिक जगह मौजूद थी, उसे खत्म करने के मुहिम ने यूपी को एक खतरनाक स्थिति में धकेल दिया है। यूपी में किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने के लिए, बीजेपी/आरएसएस अपनी धार्मिक कट्टरपंथी विचारधारा और अपने द्वारा जमा किए गए विशाल धन(जो कि धन्ना सेठ कॉरपोरेट घरानों से मिला है) का उपयोग करके समाज का अधिक अपराधीकरण और विभाजन कर रही है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान योगी ने राजनीति में जो सकारात्मक बहुलतावादी मूल्य मौजूद थे, उन्हें नष्ट कर दिया है। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है वैसे वैसे ये “धर्म खतरे में है” के नाम पर धार्मिक उन्माद तेज़ गति से पैदा कर रही है।पिछले 5 सालों में इस जुल्मी सरकार ने सिवाय बेहिसाब गरीबी- बेरोजगारी- जातिवादी दबंगों व पुलिस का बर्बर दमन तथा किसानों, मेहनतकशों की बर्बादी के सिवाय जनता को दिया क्या है? ऐसे में यूपी में बीजेपी की एक और जीत के भयावह परिणाम होंगे.
यूपी, उत्तराखंड में बीजेपी की जीत को ऐतिहासिक किसान आंदोलन के खिलाफ और अधिक भयावह फासीवादी कदमों के लिए हरी झंडी के रूप में लिया जाएगा।सभी सार्वजनिक क्षेत्र को समाप्त करने वाली अधिक क्रूर निजीकरण वाली आर्थिक नीतियों के लिए,भीषण मंहगाई, बेरोजगारी,गरीबी, सभी क्षेत्रों का कुल कॉरपोरेटीकरण,आरएसएस के नेतृत्व में बहुसंख्यकवादी ताकतों के फासीवादी आधिपत्य को थोपते हुए, सभी लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लिये जाने की स्थिति को आमंत्रित करना होगा। इस स्थिति में, क्रांतिकारी वामपंथी और संघर्षरत ताक़तों ने एकजुट होकर, 17 अगस्त को लखनऊ सम्मेलन का आयोजन किया और भाजपा को हराने के लिए जोरदार अभियान शुरू करने का फैसला किया।तद्नुसार प्रदेश में जनवादी संघर्ष शील संगठनों ने मिलकर”बीजेपी हराओ,लोकतंत्र बचाओ मंच” का गठन किया।मंच ,प्रदेश के मेहनतकशों, किसानों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों,महिलाओं, बेरोजगारों,युवाओं, विद्यार्थियों के ज्वलंत मुद्दों पर आधारित जन घोषणापत्र के आधार पर कॉरपोरेट -फासीवादी राज के खिलाफ, पिछले 5 महीनों से उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नुक्कड़ नाटक, नुक्कड़ सभाओं,घर-घर जनसंपर्क, सेमिनार,वेबिनार व पदयात्रा के जरिए बीजेपी हराओ,लोकतंत्र बचाओ अभियान चला रहे हैं।देश के प्रगतिशील बुद्धिजीवी, संस्कृति कर्मी,विद्यार्थी व जनवादी संगठनों के लोग देश के विभिन्न स्थानों से आकर इस अभियान को ताकत प्रदान कर रहे हैं।
आज की परिस्थिति मजदूर वर्ग, विद्यार्थियों , युवाओं, महिलाओं, दलितों,अल्पसंख्यकों और आदिवासियों सहित तमाम उत्पीड़ित वर्गों को कॉर्पोरेट फासीवादी मोदी शासन के खिलाफ उठने और लड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
मोदी और योगी सरकार ने मजदूर वर्ग के सभी अधिकारों को छीन लिया है, किसानों की बदहाली जगजाहिर है,लाखों युवा बेरोजगार हैं, जिनका भविष्य बहुत अंधकार मय है।कोरोना काल में योगी सरकार की लापरवाही से ऑक्सिजन व स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बड़ी संख्या में लोग मरे। गरीबी इतनी बढ़ी है प्रदेश में कि लाशों को गंगा मे बहाना पड़ा।हाथरस से गोहरी प्रयागराज तक महिलाओं विशेषकर दलित महिलाओं पर अत्याचार चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया है।सरकारी आंकड़ों के अनुसार दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे है।शिक्षा, साक्षरता,स्वास्थ्य,पोषण, महिला सशक्तिकरण आदि तमाम कल्याणकारी मानकों के संदर्भों में (मानव विकास सूचकांक) यह राज्य देश मे सबसे नीचे के स्तर पर है।योगी सरकार किस बात पर अपनी गाल बज रही है।इस राज्य में विकास हुआ है तो सिर्फ और सिर्फ धन्ना सेठों,कॉरपोरेट घरानों, जातिवादी दबंगों, ढोंगी स्वयम्भू बाबाओं ,अंधविश्वास फैलाने वाले धर्मगुरुओं और घोर जन विरोधी संघियों का।
बाकी सभी मेहनतकश गरीब उत्पीड़ित वर्ग, एक तरह से मोदी-योगी के फासीवादी राज के चौतरफा हमले से तबाह हो गए हैं। हमारा प्राथमिक कार्य लोगों के इन तबकों और वर्गों को लामबंद करना, उन्हें चल रहे किसान आंदोलन से जोड़ना और मोदी के नेतृत्व वाले भाजपा/आरएसएस फासीवादी राज को खत्म करने के लिए देशव्यापी आंदोलनों को विकसित करने का प्रयास करना है।
ऐसे में आने वाले यूपी चुनाव में बीजेपी को हराना बेहद अहम है। कई लोगों का कहना है कि बीजेपी को हराएं तो किसे जिताएं? हमारा उत्तर है: इस चुनाव में संघी फासीवादी बीजेपी जो कि आम जनता की शत्रु है को हराना ,देश और प्रदेश को बचाने के लिए जरूरी है ,इस दृष्टिकोण से,जो प्रत्याशी , कॉरपोरेट घरानों के दलाल संघी फॉसिस्टों के खिलाफ ताल ठोक कर चुनावी मैदान में उतरे हैं को जनता अपने विवेक से मतदान करे।
प्रदेश समेत पूरे देश के आम जनता की दुश्मन नम्बर एक और कॉरपोरेट धन्नासेठों की अव्वल नम्बर की दोस्त आरएसएस के मार्गदर्शन वाली बीजेपी को हराना और लोकतंत्र को बचाना ही सच्ची देशभक्ति है।संपर्क-9425560952

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