SUCI-C ने उ.प्र. विधानसभा चुनावों में 10 सीटों पर घोषित किये प्रत्याशी

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प्रेसवार्ता करते हुए SUCI-C के पदाधिकारी

जौनपुर। सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इण्डिया (कम्युनिस्ट) उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव कॉमरेड पुष्पेन्द्र ने जौनपुर में प्रेस वार्ता कर उ. प्र. विधानसभा चुनावों में 10 सीटों पर SUCI-C के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी किया। प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि जौनपुर जिले में SUCI-C दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 366- जौनपुर विधानसभा क्षेत्र से कॉमरेड प्रवीण कुमार शुक्ल व 364- बदलापुर विधानसभा क्षेत्र से कॉमरेड रामगोविन्द सिंह SUCI-C के उम्मीदवार होंगे।

कॉमरेड पुष्पेन्द्र ने प्रेस वार्ता में बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता एक बार फिर विधानसभा चुनाव में मतदान करने जा रही है। इसके पूर्व 2017 में सपा की सरकार को सत्ता से हटाकर भाजपा को प्रचंड जनादेश मिला और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने।

जनता के जीवन की बुनियादी समस्याओं- भयंकर बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, लूट, हत्या, अपहरण, बलात्कार, नीति-नैतिकता का पतन, समाज में बढ़ती नशाखोरी, अश्लीलता, छात्राओं व महिलाओं की असुरक्षा, महंगी होती खाद बीज, कीटनाशक दवाएं, कृषि यंत्र, बिजली, सूखी नहरें, छुट्टे आवारा पशुओं व जंगली जानवरों से फसलों की असुरक्षा, किसानों की समस्याएं, महंगी होती शिक्षा, अस्पतालों की दुर्व्यवस्था आदि का कितना समाधान हुआ? जनता मतदान करती है !

रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा

क्यों? ताकि सरकार से रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा व सम्मान मिल सके। खेती के बीज, खाद, कीटनाशक दवाएँ आदि सभी गुणवत्तापूर्ण और सस्ते में मिल सकें। फसल उपज का वाजिब (लागत का डेढ़ गुना) दाम मिल सके, ताकि किसान कर्ज में डूब कर आत्महत्या ना करें। युवा लोगों ने सरकार को बदला था ताकि उनको रोजगार मिल सके, लेकिन नौजवानों को रोजगार देने की माँग करने पर मिलती है लाठियाँ। छात्रों की जरूरत है सरकार की जिम्मेदारी पर सस्ती शिक्षा एवं चरित्र निर्माणकारी व सामाजिक उत्तरदायित्व से युक्त नौजवान पैदा करने वाली शिक्षा। असंगठित क्षेत्र में मजदूर, कर्मचारी और सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों, स्कीम वर्करों, संविदा कर्मियों सभी को महंगाई झेल सकने लायक एवं सम्मान पूर्वक जीवन जीने लायक वेतन, भत्ता, पेंशन।

क्या ये सब मिला? बीमार हो जाने पर सरकारी खर्च पर दवाओं सहित अन्य चिकित्सा सेवाएँ क्या मिल पाती हैं? आज सरकारी सेवाओं व संस्थाओं को विकसित करने के बजाय उन्हें एक एक करके बेचा जा रहा है और उन्हें खरीद रहे हैं भाजपा कांग्रेस सपा बसपा आदि पार्टियों को चंदा देने वाले औद्योगिक घराने। आज देश के 99% संसाधनों पर एक प्रतिशत उद्योगपतियों का कब्जा हो गया है। गरीब और गरीब होता जा रहा है। मध्यम वर्ग भी संकट में फंस चुका है।उन्होंने कहा कि चुनाव मैदान में उतरीं तमाम राजनैतिक पार्टियों के वर्ग चरित्र को समझना जरूरी है।

पार्टी बदलने से बेदाग

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ धनबल, बाहुबल व मीडिया बल पर जाति-बिरादरी, धर्म-मजहब, क्षेत्र-सम्प्रदाय आदि को केन्द्र करके चुनावी समीकरण बैठाते हुए पूंजीवादी मौकापरस्त पार्टियां एक दूसरे से गठबंधन व महागठबंधन कर रही हैं और सत्ता में पहुंचने के लिए किसी भी हद तक जा रही हैं। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए खुद दूध की धुली साबित करने में लगी हुई हैं। कल तक जो दागी चेहरे थे उन्हें पार्टी बदलने से बेदाग और दागदार होने के सर्टिफिकेट बांट रही हैं। यही है इन मौकापरस्त पूंजीवादी पार्टियों व उसके नेताओं का स्तर।

 

जिनके पास कोई उच्च आदर्श, सिद्धांत, विचारधारा संस्कृति व नीति नैतिकता है ही नहीं। जन समस्याओं से इन पार्टियों का कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने बताया कि महान मार्क्सवादी दार्शनिक व एस यू सी आई (सी) पार्टी के संस्थापक, नेता, शिक्षक एवं पथ प्रदर्शक कॉमरेड शिवदास घोष ने कहा था, “बुर्जुआ वर्ग के पैसों पर पलने एवं बढ़ने वाली पार्टियां जब सरकार में रहतीं हैं तो पूँजीपति वर्ग के मुनाफे को बढ़ाती हैं और जब विपक्ष में रहतीं हैं तो विरोध का स्वांग भरती हैं।” यह बात प्रदेश की सभी पार्टियों पर समान रूप से लागू होती है।

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कायम है

वहीं दूसरी तरफ जन समस्याओं को लेकर लगातार संघर्षरत, आन्दोलन की ताकत व मेहनतकश वर्ग की एकमात्र भरोसेमंद क्रांतिकारी पार्टी- एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) इस चुनावी समर में मेहनतकश वर्ग के हितों को देखते हुए प्रदेश भर में अपने प्रत्याशियों को उतारी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि देश में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कायम है जिसमें पूंजीपति वर्ग मेहनतकश जनता की गाढ़ी कमाई को लूटकर पूंजी का अम्बार खड़ा कर रहा है और आम जनता गरीब से गरीब होती जा रही है। चूंकि चुनाव के द्वारा सरकार बदलने से शोषण पर आधारित यह पूंजीवादी व्यवस्था नहीं बदली जा सकती है, जो सारी समस्याओं की जड़ है। इसलिए संगठित होकर जनांदोलन की ताकत से इस पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकने में ही आम जनता की भलाई है।

आन्दोलन सड़क पर चल रहा है

एस यू सी आई (सी) पार्टी चुनाव को एक राजनैतिक आंदोलन के रूप में देखती है। जिसका चुनाव लड़ने का उद्देश्य है कि जनता की जायज मांगों को लेकर जो जन आन्दोलन सड़क पर चल रहा है उसे सदन के अन्दर भी मजबूती से चलाया जाए, ताकि सदन में जनविरोधी व पूंजीपति परस्त नीतियों को पास होने से रोका जा सके और जनता के लिए समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार पर जोर डाला जा सके।

मजदूर वर्ग की पार्टी

उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वे मजदूर वर्ग की पार्टी एसयूसीआई(सी) के उम्मीदवारों को अधिक से अधिक मतों से विजयी बनाएं और जनांदोलन की ताकत को मजबूत करें। इस अवसर पर एसयूसीआई(सी) पार्टी के जिला सचिव कॉ.रविशंकर मौर्य, प्रवीण कुमार शुक्ल (प्रत्याशी, जौनपुर विधानसभा), रामगोविन्द सिंह (प्रत्याशी, बदलापुर विधानसभा) के अलावां हीरालाल गुप्ता, मिथिलेश कुमार मौर्य, दिलीप कुमार, श्रीपति सिंह, महेन्द्र कुमार मौर्य, प्रमोद कुमार शुक्ल, अशोक कुमार मौर्य, सन्तोष प्रजापति, विजय प्रकाश गुप्ता, शिवभुवन सिंह आदि मौजूद रहे।

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