आशाकर्मियों के ऊपर हुए पुलिसिया दमन के खिलाफ ऐक्टू का प्रदेशव्यापी प्रर्दशन

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ज्ञापन देते हुए ऐक्टू के कार्यकर्ता

लखनऊ। शाहजहाँपुर जनपद में आशा कर्मियों के ऊपर पुलिसिया दमन के खिलाफ आज ऐक्टू के प्रदेश व्यापी विरोध के तहत लखनऊ में ऐक्टू के जिलाध्यक्ष का0 चन्द्र भान गुप्ता और मंत्री का0 कुमार मधुसूदन मगन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुँचकर विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय मांग पत्र अपर जिलाधिकारी श्री विपिन कुमार मिश्रा को दिया।

इस अवसर पर ऐक्टू नेताओं ने कहा कि योगी राज पुलिस राज में तब्दील हो गया है। योगी सरकार ने यूपी पुलिस को जुल्म अत्याचार करने की छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 नवम्बर को मुख्यमंत्री के जिले में आगमन पर आशा वर्कर शान्ति पूर्वक अपनी समस्याओं का ज्ञापन सौपना चाहती थी लेकिन पुलिस ने उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने की बजाय उनकी सामूहिक पिटाई की।

मुकदमा कायम किया जाए

पुरूष पुलिस कर्मियों की पिटाई से एक आशा कर्मी पूनम पांडे का हाथ टूट गया और कई आशाओं को गम्भीर चोटे आई. नेताओं ने कहा कि दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय निर्दोष आशा कर्मियों के ऊपर फर्जी मुकदमे कायम कर दिए गए और उनके विरुद्ध लगातार उत्पीड़न की कार्यवाही जारी है।ज्ञापन में मांग की गई कि- उपनिरीक्षक ज्योति त्यागी का तत्काल निलम्बन करके उसके विरुद्ध सक्षम धाराओं में मुकदमा कायम किया जाए. आशा कर्मियों से मारपीट करने व उन्हें अपमानित, प्रताड़ित करने और यौन हिंसा में सामिल उपनिरीक्षक नीरज व अन्य दोषी पुलिस कर्मियों को चिन्हित करके उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए

सभी आशा कर्मियों के विरुद्ध दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लिए जाए। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि पुलिस कर्मियों को मदद करने वाले भ्रष्ट मुख्य चिकित्साधिकारी को निलंबित कर उसके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जाए। ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर तत्काल कार्यवाही नहीं की तो ऐक्टू आन्दोलन तेज करने को बाध्य होगा।ज्ञापन देने वालों में इन्कलाबी नौजवान सभा के प्रान्तीय संयुक्त मंत्री का0 राजीव गुप्ता भी शामिल थे।

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