लखनऊ। भारत सरकार के वित्तीय सेवाएँ विभाग द्वारा ग्राहक संपर्क अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी क्रम में बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकिंग ऋण सुविधाओं को सुगमतापूर्वक ग्राहकों तक पहुचाने के मकसद से सोमवार को लखनऊ में ग्राहक संपर्क अभियान चलाया।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉक्टर भागवत किशनराव कराड, केंद्रीय राज्य मंत्री, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। अपने सम्बोधन में राज्य मंत्री ने 100 ग्राहकों को उनके वित्तीय लेनदेन में पूरी तरह से डिजिटल बनाने की प्रधानमंत्री की सलाह सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में बताया।
बताया गया कि इस आयोजन में 14 बैंकों, 7 बीमा कंपनियों, 2 वाहन डीलरों और अन्य निजी वित्त संस्थानों ने भाग लिया। इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया ने अन्य सार्वजनिक और निजी दोनों बैंकों सहित 1593 उधारकर्ताओं को कुल 398 करोड़ रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की है।
बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक एम कार्तिकेयन ने सभी बैंकों को रैम (खुदरा, कृषि और एमएसएमई) खंड को ऋण देने की सलाह दी। उन्होंने बैंक द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए बैंक के ग्राहकों की सेवा करने की प्रतिबद्धता की बात की।
वहीं महाप्रबंधक एनबीजी उत्तर-2 प्रकाश कुमार सिन्हा ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में एस एल बी सी (उ.प्र.) के महाप्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह ने सरकारी योजनाओं और आर्थिक विकास के कार्यों को जनता तक सुचारु रूप से पंहुचाने के लिए सभी बैंको का आभार प्रकट किया ।
कार्यक्रम में जोनल मैनेजर बैंक ऑफ़ इंडिया लखनऊ अंचल वाई एन द्विवेदी ने सभा को संबोधित किया और बैंकों की विभिन्न उपलब्धियों और बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रमुख जिले लखनऊ में अन्य सभी बैंकों के समन्वय से इसका आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जीवन/गैर-जीवन बीमा कंपनियों, निजी बैंक शाखा, ट्रैक्टर फर्म, जरी जरदोजी क्लस्टर, ओडीओपी स्टॉल, अस्पताल स्टॉल, वाहन डीलर, रियल एस्टेट फर्म के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इस मौके पर शिव सिंह यादव निदेशक, संस्थागत वित्त,
अमित कुमार मीणा आईएएस, एस.बी. सिंह, अध्यक्ष आर्यावर्त ग्रामीण बैंक और श्री विनोद बिहारी मिश्रा, अग्रणी जिला प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया तथा आउटरीच कार्यक्रम में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
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