लखनऊ। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए RTE के जरिए शिक्षा के अधिकार को कुछ प्राइवेट स्कूल ठेंगा दिखा रहे हैं। प्रशासन की बार—बार चेतावनी के बावजूद स्कूल संचालक मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में अब इन स्कूलों पर गाज गिराने की तैयारी हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी की राजधानी लखनऊ के प्राइवेट स्कूल RTE (शिक्षा का अधिकार) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को एडमिशन देने के लिए तैयार नहीं हैं। बताया गया कि लखनऊ शहर में ऐसे स्कूलों की संख्या लगभग 25 है। कई बार चेतावनी के बाद भी स्कूल संचालक मानने को तैयार नहीं हैं।
वहीं अब BSA विजय प्रताप सिंह (बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने इन स्कूलों की NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) रद्द करने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा गया है। बताया गया कि NOC बोर्ड से मान्यता के लिए जरूरी दस्तावेज होता है। अहम बात यह है कि इनमें से अधिकतर स्कूल बड़े और काफी नामचीन हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ में माइनरिटी स्कूलों को छोड़कर 500 से अधिक स्कूल RTE के दायरे में आते हैं। इस सत्र में 4 फेज में हुई लॉटरी प्रक्रिया के बाद लखनऊ में करीब 11 हजार 500 बच्चों पात्र पाए गए थे। इनमें से महज 7 हजार बच्चों को ही दाखिला मिला। बाकी बच्चे इस सत्र में दाखिले से वंचित हैं।
इन स्कूलों की NOC रद्द करने को लिखा गया पत्र
जिन स्कूलों की NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) रद्द करने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा गया है। उनमे सिटी मांटेसरी स्कूल, पायनियर मांटेसरी स्कूल, सेंट जोसेफ स्कूल, राज कुमार एकेडमी (मेंहदीगंज, आलमनगर), संस्कार पब्लिक स्कूल (इंदिरा नगर), शिशु विद्यापीठ (सआदतगंज), सेंट एग्निस पब्लिक स्कूल (राजाजीपुरम),
सनशाइन पब्लिक स्कूल (कश्मीरी मोहल्ला), न्यू पब्लिक स्कूल (पवनपुरी), सेंट हेनरी इंटर व कॉलेज (खदरा), ब्राइट लैंड इंटर कॉलेज (त्रिवेणी नगर, अलीगंज), डायमंड पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल (चिनहट), लॉर्ड मेहर स्कूल (इंदिरानगर), माउंट मैरी इंटर कॉलेज (गोलागंज),न्यू एरा गर्ल्स इंटर कॉलेज (मोहिबुल्लापुर),
लखनऊ पब्लिक स्कूल (राजाजीपुरम, अम्रपाली योजना), बेबी मार्टिन इंटर कॉलेज (तहसीनगंज), माउंट मैरी इंटर कॉलेज (खुर्रम नगर, कल्याणपुर), विज्ञान मांटेसरी स्कूल (कैंपवेल रोड), ग्रीन वैली स्कूल (मकबूल गंज), गुरुकुल एकेडमी (इंदिरा नगर), हैप्पी आवर्स (सराय माली खान), बाल विद्या मंदिर (चारबाग) आदि स्कूलों के नाम शामिल हैं।
यूं समझें NOC की अहमियत
जानकारी के मुताबिक किसी भी प्राइवेट स्कूल को बोर्ड (CBSE/ICSE) से मान्यता लेने के लिए पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग से NOC की आवश्यकता पड़ती है। इसी आधार पर बोर्ड मान्यता देता है। वहीं NOC देते समय इस बात का स्पष्ट उल्लेख होता है कि यदि संस्थान प्रतिबंधों का पालन करने में लापरवाही बरतता है, तो यह वापस ली जा सकती है।
वहीं बीएसए विजय प्रताप सिंह के मुताबिक राजधानी के कुछ स्कूल कई बार चेतावनी देने के बाद भी RTE के तहत एडमिशन लेने को तैयार नहीं हैं। बताया गया कि इनके खिलाफ अब NOC वापस लेने के लिए संयुक्त निदेशक को पत्र लिखा गया है। इन स्कूलों की संख्या करीब 25 बताई गई है।
प्राइवेट स्कूलों का तर्क
यूपी के अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रभारी अनिल अग्रवाल के मुताबिक शिक्षा विभाग RTE एडमिशन के एवज में शुल्क समय से नहीं दे रहा है। बताया गया कि यही कारण है कि ऐसे हालात पैदा हुए हैं। कहा गया कि नियम के तहत प्राइवेट स्कूल एडमिशन लेने के लिए तैयार हैं। मगर समय से उनको शुल्क मिलना चाहिए।
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