कानपुर।यूपी के कानपुर शहर में कोरोना, डेंगू के बाद अब जीका वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। अब तक 105 लोग जीका वायरस से संक्रमित हो चुके है। वहीं मंगलवार को 16 नए लोग वायरस से संक्रमित पाए गए। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार संक्रमितों में कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं। सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है। सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीमें संक्रमितों की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में सैंपलिंग का अभियान चलाया जा रहा है। ज्यादातर रोगी एसिम्प्टोमैटिक है यानी उनमें कोई लक्षण नहीं उभरा है। सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि घर-घर सर्वे किया जा रहा है। लक्षण मिलने पर लोगों की सैंपलिंग की जा रही है। सभी गर्भवतियों की सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही रेडियोलॉजी सेंटरों को भी सतर्क किया गया है। गर्भस्थ शिशु के विकास में कोई दिक्कत होती है तो तुरंत जानकारी दी जाए।
गर्भवती महिला के लिए खतरनाक
- जीका वायरस डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज से फैलता है
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह अधिक खतरनाक है
- गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास नहीं होता
- इसकी मृत्यु दर कम बताई जाती है
- पहली बार वर्ष 1952 में यह अफ्रीका के जंगल में एक लंगूर में मिला
- वर्ष 1954 में इसे विषाणु करार दिया गया
- वर्ष 2007 में एशिया और वर्ष 2021 में केरल और महाराष्ट्र में केस मिले
- 60 फीसदी संक्रमितों में रोग के लक्षण नहीं उभरते
- रोग के लक्षण
- हल्का बुखार
- शरीर में दाने और लाल चकत्ते
- सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- आंखों में लाली
- गुलेन बारी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी
बचाव के तरीके
- खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं
- शरीर को फुल आस्तीन के कपड़ों से ढंके रखें
- मच्छरों को घर के आसपास पनपने न दें
- गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर मच्छरों से बचाएं
- घर के टूटे बर्तन, टायर, कूलर में पानी भरा न रहने दें।
- यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से साझा किए है,इसे अपनाकर इस वायरस से बचे