मिशन 2022: बसपा सुप्रीमो मायावती का एलान किसी से नहीं समझौता अकेले लड़ेंगे चुनाव

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Lok Sabha elections: BSP candidates will change the equation, Mayawati again returns to the path of social engineering
गत चुनाव में सपा बसपा का गठबंधन था और कांग्रेस अकेले मैदान में उतरी थी, इसका फायदा बीजेपी को हुआ था।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों की खेमाबंदी के बी बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को अपनी बात रखते हुए कहा कि हम यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए किसी भी दल के साथ चुनावी समझौता नहीं करेंगे,अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम जनता से गठबंधन करेंगे और प्रदेश में सरकार बनाएंगे। आपकों बता दें कि बीच में कांग्रेस और बसपा में गठबंधन होने की चर्चा चल रही थी, जिस पर मायावती ने आज विराम लगा दिया।, पिछले चुनाव में बसपा ने सपा से गठबंधन किया था,जिसकी कीमत उसे बुरी हार से चुकानी पड़ी थी।

मायावती ने कहा कि चुनाव आते देख भाजपा ताबड़तोड़ सरकारी योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण कर रही है। ये योजनाएं अभी आधी-अधूरी ही हैं। जनता इनके झांसे में नहीं आएगी। जनता काम की अहमियत जानती है।

मायावती ने अपनी बात रखते हुए कांग्रेस व सपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस भी भाजपा की राह पर है इसलिए लगातार लोकलुभावन घोषणाएं कर रही है। अगर उन्होंने सत्ता में रहते हुए 50 फीसदी भी अपने वादे पूरे किए होते तो आज केंद्र की सत्ता से बाहर नहीं होते। मायावती ने कहा कि जनता सपा के चुनावी वादों पर यकीन नहीं करेगी और उन्हें वोट नहीं देगी।

योगी पर साधा निशाना

बसपा सुप्रीमों मायावती ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी पर भी निशाना साधा और कहा कि यूपी के सीएम की तरह मेरा भी परिवार नहीं है लेकिन मैं कोई पोशाक धारण कर सन्यासी नहीं बन गई हूं। मेरा परिवार सभी धर्मों के लोग हैं और मैं सभी का ध्यान रखती हूं। योगी ने एक धर्म के एक विशेष जाति के लोगों पर ही अपना ध्यान फोकस किया है। कहा कि यदि मेरे भाई-बहन व रिश्तेदार नि:स्वार्थ भाव से राजनीति में सेवा करने के उद्देश्य से आएं तो इसे परिवारवाद कहकर उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए।

हिन्दू मुस्लिम में बांटकर रिझाएंगे

मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनाव में सपा और भाजपा ने यह स्थिति बिल्कुल साफ कर दी है कि दोनों हिंदू मुस्लिम मुद्दे पर ही चुनाव कराने पर आमादा हैं। दरअसल, दोनों ही एक दूसरे के पोषक और पूरक हैं। बसपा सर्व समाज की पार्टी है और अपने उसी एजेंडे पर काम करेगी। उन्होंने सपा के 400 और भाजपा के 300 से ज्यादा सीटों पर विजय के दावे पर व्यंग किया और कहा कि इस बचकाने दावे पर तो चुनाव आयोग को यूपी में सीटों की संख्या 1000 करनी होगी। दोनों के इरादे साफ हैं कभी जिन्ना, कभी पुलिस फायरिंग जैसे सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने का प्रयास सीधा-सीधा हिंदू और मुस्लिमों पर फोकस करना है और दोनों एक दूसरे को लाभ पहुंचाना चाहते हैं।

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