अयोध्या। राजधानी लखनऊ की रहने वाली श्रद्धा गुप्ता अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा ख़्वासपुरा में असिस्टेंट मैनेजर के तौर नौकरी कर रही थी। श्रद्धा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।लखनऊ के गोमतीनगर की रहने वाली थी। घर वालों के अनुसार वह करीब छह साल से अयोध्या में नौकरी कर रही थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में आईपीएस अधिकारी आशीष तिवारी समेत तीन लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है।
आपकों बता दें कि श्रद्धा ने ख्वासपुरा के पीएनबी की शाखा में बतौर क्लर्क 2015 में ज्वाइन किया था। प्रमोशन के बाद श्रद्धा को बछड़ा सुलतानपुर के पीएनबी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर भेजा गया। उन्होंने बैंक के सामने विष्णु एंड कंपनी बिल्डिंग में कमरा किराए पर ले रखा था। श्रद्धा यहां अकेली रहती थीं। शनिवार की सुबह दूध वाले ने श्रद्धा के कमरे का दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर उसने मकान मालिक को खबर दी। मकान मालिक ने खिड़की से अंदर झांका तो श्रद्धा को दुपट्टे के फंदे पर लटकता हुआ देखा। इसके बाद मकान मालिक ने मृतका के घर वालों और पुलिस को इसकी सूचना दी।
इन्हें बताया अपनी मौत का जिम्मेदार
घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी शैलेश पांडेय घटनास्थल पर पहुंचे। कमरा अंदर से बंद था। खिड़की तोड़कर एक पुलिस वाले को अंदर दाखिल कराया गया। जिसके बाद दरवाजा खोलकर लाश को बाहर निकाला गया। पुलिस को कमरे में छानबीन करने के बाद एक अंग्रेजी में लिखा हुआ सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने राजेश, विवेक गुप्ता, अनिल रावत (पुलिस फैजाबाद) व आशीष तिवारी (एसएसएफ हेड लखनऊ) को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि सुसाइड नोट को जांच के लिए फोरेंसिक विभाग के पास भेजा जा रहा है।
जवाब न मिलने पर मकान मालिक को सूचना दी
श्रद्धा के परिवार से जुड़े दीप ने बताया कि शुक्रवार की शाम से ही घरवाले श्रद्धा को फोन कर रहे थे, लेकिन श्रद्धा की ओर से फोन रिसीव नहीं हुआ। शनिवार सुबह भी फोन किया गया तो कोई जवाब न मिलने पर मकान मालिक को सूचना दी गई।मकान मालिक ने श्रद्धा के कमरे में लगी खिड़की से देखा तो अंदर उसका शव फंदे से लटक रहा था। उनकी सूचना पर मृतका के स्वजन यहां पहुंचे। एसएसपी शैलेश पांडेय, एसपी सिटी विजयपाल सिंह, एएसपी पलाश बंसल भी मौके पर पहुंचे और खिड़की तोड़कर श्रद्धा के कमरे में दखिल हुई पुलिस ने शव को कब्जे में लिया।
जिंदादिल इंसान थी श्रद्धा
श्रद्धा के साथ काम करने वालो ने बताया कि वह बहुत ही जिंदादिल इंसान थी। अपनी मेधा के बल पर उसने कम उम्र में स्केल वन अफसर की नौकरी प्राप्त की। श्रद्धा 2015 से बैंक में कार्यरत थी। बतौर हेड क्लर्क उसने अपनी नौकरी की शुरुआत की थी और विभागीय परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर वह अधिकारी के पद तक पहुंची थीं। गुरुवार को क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुई थी। शुक्रवार को वह ड्यूटी पर भी नहीं आई थी।
आशीष अयोध्या में रह चुके हैं एसएसपी
सुसाइड नोट में नाम आए आशीष तिवारी पहले अयोध्या में एसएसपी भी रह चुके हैं। लखनऊ की रहने वाली पीएनबी बैंक की मृतक लेडी अफसर श्रद्धा गुप्ता 5 सालों से अयोध्या में कार्यरत थी। सुसाइड नोट में आईपीएस आशीष तिवारी के साथ पुलिस विभाग अयोध्या में कार्यरत अनिल रावत व युवक विवेक गुप्ता का भी नाम लिखा है। बता दें कि युवती ने विवेक गुप्ता अनिल रावत और आईपीएसआशीष तिवारी को मौत के जिम्मेदार ठहराया है।
एसएसपी बोले-होगी निष्पक्ष जांच
घटना स्थल पर पहुंचे शैलेश पांडे ने बताया कि सुसाइड नोट मिला है। उसकी जांच कराई जाएगी। उसमें कुछ नाम है, वह नाम कैसे आए हैं। उसकी जांच की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।