अयोध्या। प्रयागराज के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की नरेंद्र गिरि के निधन की खबर जैसे ही सामने आई तो रामनगरी अध्योध्या के सन्तों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। रामनगरी के संतो ने निधन की सूचना बेहद ही दुखद है, और मामले की सीबीआई जांच करने की मांग भी उठाई हैं। राम लला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि बहुत दुःखद हैं। संत समाज की अपूरणीय क्षति है। नरेन्द्र गिरी धाकड़ और योग्य व्यक्ति थे।सनातन धर्म की बड़ी क्षति हैं। ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच होनी चाहिए।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को कोई शारीरिक कष्ट नहीं था। ज्यादा उम्र नही थी। उनकी मौत संदेह के दायरे पर हैं। ऐसे संत का जाना कष्ट दाई है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इसकी जांच कराए। वहीं अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के निधन की सूचना बेहद ही दुखद है। भगवान से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। महंत नरेंद्र गिरि का निधन साधु समाज की अपार क्षति है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए समर्पित रहते थे। सभी वर्ग और सभी सम्प्रदाय में नरेंद्र गिरि की पैठ थी।
सभी सम्प्रदाय के लोग उन्हें बहुत मानते थे। अन्य धर्म के लोग भी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को मानते थे। उनकी मौत से सनातन धर्म की अपार क्षति हुए। महंत राजूदास ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि पूरे मामले की जांच कराई जाए। वहीं निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि ये जो घटना हुई है ये भारतवर्ष के साधु समाज के लिए बहुत दुखद समय है।
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच होनी चाहिए। मामला स्पष्ट होना चाहिए। नहीं तो ऐसी परंपरा शुरू हो जाएगी। कोई सुरक्षित नहीं रहेगा। वही महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य उनके निधन से आहात है। उन्होंने उनकी आत्मा शान्ति के लिए भगवान से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है। इसमे राजनीतिक षड़यंत्र भी है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।