लखनऊ। “बीजेपी हराओ, लोकतंत्र बचाओ मंच” उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी शिवाजी राय, ओ पी सिन्हा व तुहिन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच ने राज्य की जनता से अपील किया है कि वे आगामी 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कृषि के कॉरपोरेटीकरण के लिए लाए तीनों काले कानून,श्रम विरोधी लेबर कोड व बिजली संशोधन अधिनियम 2020 के खिलाफ अखिल भारतीय बंद को बड़े पैमाने पर सफल बनायें।
ऐतिहासिक किसान आंदोलन
जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि पिछले 10 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन में अब तक 600 से अधिक किसान शहीद हो गए हैं। लेकिन कॉरपोरेट परस्त घोर जनविरोधी मोदी सरकार लोगों की मौत और बदहाली का जश्न मना रही है।पिछले 7 साल में देश का बच्चा बच्चा जान गया है कि अच्छे दिन आम जनता के लिए नहीं बल्कि अति अमीर कॉरपोरेट घरानों के लिए आये हैं।
तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन अधिनियम 2020 को रद्द करने, सरकारी खरीद के साथ कृषि उपजn मंडी (एपीएमसी) को मजबूत बनाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की वैधानिक गारंटी के लिए प्रावधान की उन्होंने मांग किया। आंदोलन को खत्म करने के मोदी सरकार के तमाम जघन्य प्रयासों के बावजूद 10 महीने बाद भी यह जारी है और देश के अन्य राज्यों में फैल रहा है।कोविड 19 महामारी के दौरान कॉरपोरेट घरानों के लिए आपदा में अवसर बनाते हुए,लोगों को आतंकित और विभाजित किया जा रहा है। सभी लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है और जनता की संपत्ति और प्राकृतिक संसाधनों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों और देशी कॉरपोरेट घरानों को सौंप दिया गया है।
चार श्रम संहिताओं को लागू किया जाए
विरोध के सारे स्वर दबा दिए जा रहे हैं। कॉरपोरेट्स के हित में श्रम शक्ति को और अधिक लूटने में मदद करने के लिए, सभी ट्रेड यूनियन अधिकारों को चार श्रम संहिताओं को लागू करते हुए फेंक दिया गया है। आम जनता को पूरी तरह शिक्षा से वंचित करने वाली नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से संस्कृति, इतिहास , शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी हमले तेजी से हो रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य सहित चहुंओर निजीकरण का बोलबाला है।
हम मानते हैं कि जो ताकतें लोकतंत्र, लैंगिक समानता, जाति उन्मूलन, धर्मनिरपेक्षता और विकास के एक वैकल्पिक, समतावादी मार्ग के लिए संघर्षरत हैं, उन्हें एक साथ मिलकर इन सबका प्रतिरोध करना पड़ेगा। इसलिए, मंच, मोदी के नेतृत्व वाले आरएसएस/भाजपा शासन के तहत देश में बढ़ते फासीवादी खतरे के बारे में चिंतित सभी जनवादी ताकतों से अपील करता है कि वे भारत बंद का हर संभव तरीके से समर्थन दें। ताकि कॉरपोरेट कंपनी राज और फासीवादी निज़ाम के प्रति लोकतांत्रिक संघर्ष को तेज किया जा सके।