चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यंत्री सुखबीर सिंह बादल मंगलवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे और अपनी सरकार के दौरान किए गए पाप की सजा भुगतने के रूप में वह यहां लंगर के जुठे बर्तन और जूते साफ करेंगे। वह एक सेवादार की तरह काम करके अपने गुनाहों की सजा काटेंगे।दरअसल शिअद-भाजपा सरकार के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं समेत कई अन्य पंथ विरोधी घटनाओं के लिए सुखबीर बादल को श्री अकाल तख्त की तरफ से तनखाहिया घोषित किया गया था। सोमवार को पांच सिंह साहिबान ने सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई थी।
सेवादार के रूप में करेंगे काम
सुखबीर सिंह स्वर्ण मंदिर में सेवादार के रूप में काम करेंगे। बर्तन और जूते साफ करने की भी सेवा निभाएंगे।यह सजा सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम को माफी दिलाने, श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और सिख युवाओं की हत्या करवाने वाले पुलिस अधिकारियों को उच्च पदों पर आसीन करने समेत कई पंथक गलतियों के लिए सुनाई गई।
पूर्व सांसद को भी मिली सजा
अकाल तख्त साहिब पर हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक के बाद एक-एक कर सजा का एलान किया गया। इस दौरान सुखबीर बादल पांव में चोट लगी होने के कारण व्हील चेयर पर बैठकर अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश हुए। इस दौरान जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल और पूर्व मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा को श्री दरबार साहिब के बाहर घंटाघर प्रवेश द्वार के समक्ष दो दिन के लिए एक-एक घंटा सेवादार की पोशाक पहन बरछा हाथ में लेकर सुबह नौ से दस बजे तक बैठना होगा।वहीं पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा भी श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दी गई धार्मिक सजा के बाद गले में तख्ती और हाथ में भाला लेकर स्वर्ण मंदिर पहुंचे। उन्हें सजा में स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार’ के रूप में काम करने और बर्तन और जूते साफ करने का निर्देश मिला है।
इसे भी पढ़ेंं….