मथुरा। मथुरा में गोबर्धन पूजा के अवसर पर देश —विदेश श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। विधि विधान से पूजा अर्चना करके कान्हा को माखन-मिश्री की मटकी और छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया। सब देवन कौ देव है आज यई को ध्यान धरिंगे… तोपे पान चढै तौपे दूध चढ़े और चढ़े दूध की धार… आदि भजनों की धुन पर गिरिराज जी के प्राकट्य स्थल गिरिराज धाम में लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। क्या देशी क्या विदेशी भक्त चहुंओर गिरिराज महाराज के जयकारे गूंज रहे हैं।
भक्तों की उमड़ी भीड़
कान्हा के दर्शन को आस्था का सैलाब इस प्रकार उमड़ा कि परिक्रमा में भक्तों की भीड़ चारों तरफ दिखाई दी। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों के संग गोवर्धन नाथ की पूजा की थी। आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों से आये भक्तों ने पूजा की। गिरिराज जी के समक्ष छप्पन भोग लगाए गये। आस्था में जगह-जगह फूल बंगला व ठाकुर जी के शृंगार के अदभुत दर्शन हुए। भक्त गिरधारी गौड़ीय मठ से छप्पन भोग की टोकरी सिर पर रखकर मानसी गंगा की परिक्रमा करते हुए राजा वाले मंदिर पर पहुंचे।
इंद्र का अभिमान कृष्ण ने तोड़ा था
ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण के जन्म के बाद ब्रजवासी कृष्ण की ज्यादा भक्ति करते थे, इससे नाराज होकर इंद्र ने ब्रज क्षेत्र में खूब बारिश कराई थी। इसके बाद कृष्ण ने इन्द्र का घमंड तोड़ने के लिए गोबर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगुली पर उठाकर बृजवासियों की बाढ़ से सुरक्षा की थी। तब से ब्रज में गोबर्धन की पूजा की जाती है।संपूर्ण बृज मे गोवर्धन पूजा के साथ अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। यह पूजा साक्षात परमेश्वर श्रीकृष्ण की पूजा है कि जो कि ब्रज में गिरिराज जी के रूप में विराजमान हैं। वहीं दूसरी ओर गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में लाखों भक्तों ने गिरिराज जी की परिक्रमा लगाई। परिक्रमा में भीड़ का ऐसा सैलाब उमड़ा कि मानव श्रृंखला दिखाई दी।
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