जालौन। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या की वारदात से पूरे देश में आक्रोश है। बंगाल सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक नए सख्त से सख्त नए कानून बनाने के लिए प्रयास कर रही है। अब यूपी के जालौन जिले के उरई मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है। मेडिकल कॉलेज आवासीय क्षेत्र में महिला डॉक्टर से अभद्रता पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज होने के साथ ही दोषी पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई हुई है।
कमरे में खींचने की कोशिश
पीड़ित डॉक्टर ने इस पूरी घटना पर अपने बयान दर्ज कराए हैं। इस घटना से मेडिकल में डॉक्टरों की क्या सुरक्षा है, इस पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं। मेडिकल कालेज कैंपस के अंदर 19 अगस्त को एक महिला डॉक्टर के कमरे में मेडिकल में तैनात एक लिपिक ललित कुमार नशे की हालत में हाथ में राखी लेकर पहुंचा और उसका दरवाजा खटखटाया। महिला डॉक्टर का आरोप है कि जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो आरोपी लिपिक ने उसका हाथ पकड़ कर खींच लिया। उसने किसी तरह हाथ छुटवाकर अन्य लोगों को इसकी जानकारी देते हुए पुलिस से इसकी शिकायत की। सूचना पर आई पुलिस ने आरोपी की हिरासत में ले लिया था।
वारदात को छिपाने की कोशिश
महिला डॉक्टर से दुष्कर्म की कोशिश का मामला तूल पकड़ने पर मेडिकल कालेज प्रबंधन ने आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया है। जबकि घटना के बाद से ही महिला डॉक्टर अपने घर आगरा में है। वहीं, घटना की पूरी सच्चाई जानने के लिए चौकी प्रभारी महिला डॉक्टर का बयान दर्ज करवाने के लिए आगरा गए हैं। इधर पूरी घटना पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अरविंद त्रिवेदी का कहना है कि मामला पुलिस के संज्ञान में हैं, जांच चल रही है, उस पर वह किसी भी तरह की बात नहीं करना चाहते हैं। जब किसी मामले में पुलिस शामिल हो जाती है, तो किसी भी तरह का बयान देना उचित नहीं है।
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