ग़ज़ल: मैं किसी से कभी माँगता कुछ नहीं…

मैं किसी से कभी माँगता कुछ नहीं ।
अब तुम्हारे सिवा चाहता कुछ नहीं।।

इस हकीकत से वाकिफ हुआ हूँ अभी
जिंदगी से किसी को मिला कुछ नहीं ।

शरीफों की बस्ती में आ के बसा
पर शराफत से घर में बचा कुछ नहीं।

सुर्खियों में रहा उम्र भर मैं मगर
अपने लोगों को भी दे सका कुछ नहीं ।

उसकी बाहों में जा के सुकूँ मिल गया
मौत से खूबसूरत दिखा कुछ नहीं ।

विष का प्याला पिया सिर्फ विश्वास पर
बच गया किस तरह मैं पता कुछ नहीं।

ये करिश्मा नहीं और क्या है भला
आग घर में लगी पर जला कुछ नहीं ।

——

~राम नरेश ‘उज्ज्वल’
मुंशी खेड़ा, (अपोजिट एस- 169, टी.पी.नगर)
एल.डी.ए. कालोनी
लखनऊ-226012
मो: 07071793707
ईमेल : ujjwal226009@gmail.com

इसे भी पढ़ें..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Launch of Rasha from Azad ठंड में सर्दी -खांसी से बचाता है संतरा आंवला एक फायदे अनेक Ginger tea protects from cold Struggle is necessary to survive Hina