नीतीश के एनडीए में जाने की अटकलों के बीच अखिलेश बोले, इस तरफ तो वह पीएम बन सकते थे, वहां क्या मिलेगा

लखनऊ। स्वार्थ की भेंट चढ़ा इंडिया गठबंधन धीरे—धीरे बिखरता जा रहा है, हालांकि अभी कुछ कोशिशें जारी है। एक समय खुद को पीएम फेस बताने वाले अखिलेश यादव गठबंधन से दूर होने पर कभी मायवती को तो अब नीतीश कुमार यादव को लेकर कह रहे है कि यदि वह इधर रहते तो पीएम बन सकते है, उधर उन्हें क्या मिलेगा। इसके बाद अखिलेश ने अपनी बातों को ऐसे घुमाया जैसे सबको लॉलीपॉप दे रहे है, बोले, हम सभी में से कोई एक पीएम का उम्मीदवार तो है ही। यहां किसी का भी नंबर लग सकता है। आखिर वहां उन्हें क्या मिलेगा?

कांग्रेस को बताया जिम्मेदार

एक टीवी चैनल से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि यह कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि वह नीतीश को इंडिया गठबंधन में बनाए रखे। उनकी नाराजगी समझनी चाहिए थी। कांग्रेस को जिस तत्परता के साथ हालात संभालने चाहिए थे उसने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दल उनका सम्मान करते हैं। कोई पार्टी ऐसी नहीं है कि जो उनका सम्मान ना करती हो। इंडिया गठबंधन के अमल में आने में नीतीश कुमार की भूमिका बड़ी मानी जाती रही है। जब एक समय कांग्रेस के साथ ममता, अखिलेश सहित अन्य क्षेत्रीय पार्टियों ने बात करनी बात की थी उस समय नीतीश कुमार ही संयोजक बनकर सभी दलों से मिले थे। पटना में इंडिया गठबंधन की बड़ी मीटिंग भी आयोजित हुई थी।

स्वार्थ में बिखरा इंडिया

इंडिया का गठन तो भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए हुआ था, लेकिन क्षेत्रिय दलों ने अपने स्वार्थ को छोड़ नहीं पाए, इसलिए जब सीट बंटवारे की बात आई तो सभी दल अपनी-अपनी बात कांग्रेस को मनवाने को मजबूर करने लगे। एक तरफ सभी कांग्रेस को बड़े भाई की भूमिका में खड़ा कर दिया, अब कोई उसे वैसा दर्जा नहीं दे पाया। पहले अखिलेश यादव ने ही कांग्रेस को पिछले चुनाव के आधार पर दो सीट देने का बयान देने लगे, इसके बाद ममता ने वहीं फार्मूला अपनाया।

इसी रहा पर चलते हुए महाराष्ट्र में शिवसेना उधव गुट ने आधी सीटों पर दावेदारी ठोक दी, बची हुई आधी कांग्रेस और एनसीपी के लिए छोड़ने की बात कह रही हैं। वहीं नीतीश को आगे बढ़ने से रोकने के लिए गठबंधन के सहयोगियों ने उनके खिलाफ साजिश रची। अब जब नीतीश गठबंधन छोड़ रहे है तो सभी को तकलीफ हो रही हैं, क्योंकि नीतीश के एनडीए में जाने से बीजेपी को सीधा फायदा होगा। वहीं पंजाब ने मान ने भी अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।’

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