कानपुर। कानपुर आईआईटी छात्रों के लिए मौत का प्वाइंट बनता जा रहा है। दो माह में तीन छात्रों के खुदकुशी करने से परिजनो मन में खौफ बैठता जा रहा है। पीएचडी की छात्रा प्रियंका जायसवाल की आत्महत्या के बाद कानपुर आईआईटी की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे है। हालांकि कोई भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है, वहीं हर बार छात्रों की खुदकुशी के बाद मीडिया के प्रवेश पर रोक से मामला और संदेह प्रद होता जा रहा है। आठ दिन में दूसरी आत्महत्या से हर कोई हैरान है।इससे पहले ओड़िसा की छात्रा ने जान दी थी।
आईआईटी कानपुर में हॉस्टल के कमरे में सुसाइड करने वाली पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल एक दिन पहले पूरी तरह से ठीक थी, उसने अपने माता पिता से बात की थी। अपनी मां से बोली थी कि सुबह जल्दी उठा देना नाश्ते में देर हो जाती है, इसके बाद रात में जाने क्या हुआ उसने जो को गले लगा लिया। सुबह जब उन्होंने फोन किया, तो बेटी ने कॉल ही नहीं उठाई। इसके बाद आईआईटी प्रशासन को सूचना दी, तब उन्हें बताया गया कि बेटी ने खुदकुशी कर ली है।
फंदे से लटक रहा था शव
एसीपी ने बताया कि दरवाजा तोड़ने के बाद जब पुलिस टीम कमरे में दाखिल हुई तो प्रियंका का शव फंदे से लटक रहा था। मेज गिरी पड़ी थी। ऐसे में साफ है कि प्रियंका ने फंदे से लटकने के लिए टेबल का सहारा लिया था। कमरे में बेड के अलावा एक टेबल, रजाई-गद्दा, एक बैग और कुछ कॉपी-किताबें रखी थीं। फोरेंसिक टीम ने पूरे कमरे को खंगाला, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस जांच में पता चला कि प्रियंका ने ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी से दो रस्सियां मंगाई थीं। ये रस्सियां किसी काम के लिए मंगाई थीं या आत्महत्या करने के लिए ही, यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने बताया कि छात्रा के पिता से फोन पर आत्महत्या का कारण जानने का प्रयास किया गया, लेकिन वे कुछ बता नहीं पाए। शुक्रवार को परिजनों के आने के बाद बात की जाएगी।
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