मां सीता की गृहस्थी बसने पर नेपाल से आया नेग, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए उपहार और बहुत कुछ

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Neg came from Nepal after the establishment of Maa Sita's household, gift for the consecration of the temple and much more
मेहमानों का अयोध्या में भव्य तरीके से स्वागत किया गया।

अयोध्या। मां जानकी की घर का बसने से उनके ​पीहर यानि जनकपुर से उ​नके और दामद के लिए बड़ी संख्या में उपहार आए है। यह सब मां जानकी के मंदिर प्रबंधन और वहां के मेयर लेकर आए है। मेहमानों का अयोध्या में भव्य तरीके से स्वागत किया गया।

जन​कपुर के महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया कि सदियों की परंपरा फिर से मजबूत हो रही है। त्रेतायुग के बाद पहली बार नेपाल से इतनी मात्रा में रामलला के लिए उपहार आए हैं। इसके बाद अयोध्या के महापौर मेहमानों को लेकर कारसेवकपुरम पहुंचे। यहां नेपाल से लाए गए सभी उपहारों को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज को सौंप दिए।

रामलला के लिए यह आया

मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सर्दी में हो रही है, इसलिए जनकपुरवासियों ने दामाद जी के लिए उपहार के तौर पर कोट और ब्लेजर भी भेजा है। पीली धोती और कुर्ता के साथ गमछा भी है। जनकपुर मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रोशन दास ने बताया कि लाल-पीले कपड़ों से सजी डलियों में कई तरह के आभूषण, 10-10 किलो मेवा, 20-20 किलो मिठाइयां, मालपुआ और अन्य पकवान हैं। मौसमी फलों से भरी 100 से ज्यादा डलियां हैं। बेटी सीता के लिए पीली धोती, लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान और सुहाग की सामग्री भी आई है।

मां सीता के लिए यह आया

मां सीता के लिए सोने-चांदी के बर्तन, धनुष-तीर, श्रृंगार का सामान, किचन का सामान गैस चूल्हा, सिलेंडर, बरतन आदि, खाद्य सामग्रियों में चावल, चूड़ा, खाजा, लड्डू, तिल के लड्डू, जानकी जी के चांदी के पदचिह्न समेत 5000 उपहार शामिल हैं। जनकपुर के उद्यमी मनीष रमण का कहना है कि दामाद जी श्रीराम लंबे समय तक टेंट में रहे। अब उन्हें नया महल मिल रहा है। जनकपुरवासी भावविभोर हैं। दामाद व बेटी के नए महल के उद्घाटन की खुशी में उपहार लाए हैं।

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